
अहमदाबाद. जैन श्वेताम्बर तेरापंथ धर्मसंघ के 11वें आचार्य महाश्रमण शुक्रवार सुबह अमराईवाड़ी-ओढ़व से 9 किलोमीटर का विहार कर शाहीबाग क्षेत्र स्थित तेरापंथ भवन में पहुंचे। यहां आचार्य का सात दिवसीय प्रवास निर्धारित है।
उन्होंने अपने प्रवचन में कहा कि इस दुनिया में एक जीव और दूसरी अजीव सहित दो चीजें हैं। कहीं जीव और अजीव को मिश्रित रूप में देख सकते हैं। मनुष्य का शरीर अजीव और आत्मा जीव है, चैतन्य है। मानव का प्राणी जगत के साथ सहयोगात्मक संबंध भी है। एक सीमा तक सहायता का प्रत्याख्यान हो सकता है, लेकिन एकदम निरपेक्ष हो जाना दुनिया में मुश्किल होता है।
उन्होंने कहा कि स्वावलम्बिता अच्छी बात है लेकिन, आवश्यकता के अनुसार सहयोग तो लेना ही होता है। आदमी को जितना संभव हो सके, दूसरों की सेवा करने, दूसरों को ज्यादा सहयोग देने का प्रयास करना चाहिए।
साध्वीप्रमुखा साध्वी विश्रुतविभा, तेरापंथी सभा अहमदाबाद के अध्यक्ष अर्जुनलाल बाफना के अलावा सज्जनलाल सिंघवी, नानालाल कोठारी, अरविंद दुग्गड़ ने विचार व्यक्त किए। आचार्य ने ज्ञानशाला के ज्ञानार्थियों को आशीर्वाद प्रदान किया।
Published on:
27 Jun 2025 10:29 pm
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