Statue of unity, kevadia, BJP, CM, resignation, vidhan sabha: पहले ही लिख गई थी पटकथा!
गांधीनगर. स्टेच्यू ऑफ यूनिटी से दुनियाभर में पहचान बनाने वाला केवडिया गुजरात की राजनीति का दूसरी बार सत्ता बदलाव का केन्द्र बना है। एक बार उस समय जब गुजरात के दिग्गज नेता शंकरसिंह वाघेला के इशारे पर चलने वाले दिलीप परीख की सरकार का विसर्जन हुआ था। उससमय भी केवडिया में ही मंत्रिमंडल की बैठक हुई थी। अब दूसरी बार भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की हाल ही में केवडिया में हुई कार्यकारिणी की बैठक, जिसके बाद कुछ दिन बाद ही विजय रुपाणी ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। हालांकि ये घटनाएं अलग-अलग हैं।
इस माह के प्रथम सप्ताह में ही केवडिया स्थित स्टेच्यू ऑफ यूनिटी पर भाजपा की कार्यकारिणी की बैठक हुई थी, जिसमें गुजरात विधानसभा चुनाव और पार्टी की स्थिति समेत मुद्दों पर मंथन हुआ था। ऐसे में भले ही विजय रुपाणी ने शनिवार को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देकर चौंका दिया हो, लेकिन ऐसा लगता है केवडिया में ही सत्ता बदलाव की पटकथा लिख गई थी। बिलकुल ऐसा ही हुआ जब शनिवार को पाटीदार समाज के सरदार धाम का लोकार्पण हुआ, जिसमें प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वच्र्युअल संबोधित किया। जैसे ही समारोह खत्म हुआ बाद में विजय रुपाणी सीधे ही भाजपा के केन्द्रीय नेताओं के साथ और कई मंत्री साथियों के साथ सीधे राजभवन गए और वहां अपना इस्तीफा देकर आमजन को चौंका दिया।
इस्तीफे के वक्त केन्द्रीय नेताओं का गुजरात में मौजूद रहना है और उससे पहले केन्द्रीय गृहमंत्री का गुजरात आना है, जो यह बताता है कि पटकथा लिख गई थी। विजय रुपाणी को इस्तीफा देने के लिए तैयार कर लिया गया था। बिलकुल ऐसा ही हुआ। इससे पूर्व भी वर्ष 1997 में तत्कालीन दिलीप परीख की सरकार का विसर्जन भी केवडिया में मंत्रिमंडल की बैठक के बाद ही हुआ था उस समय शंकरसिंह वाघेला के नेतृत्व वाली राष्ट्रीय जनता पार्टी (राजपा) थी, जो कांग्रेस के सहयोग से बनी थी।