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Video….. हाटकेश्वर ब्रिज को बनाने में हल्के स्तर की सामग्री का उपयोग, लैब रिपोर्ट में खुलासा

-कांग्रेस का आरोप इसलिए ही आए दिन मरम्मत की पड़ रही है जरूरत, रिपोर्ट ने खोली पोल-छह महीने से बंद है हाटकेश्वर ब्रिज, व्यापारी व स्थानीय लोग हैं परेशान

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Video..... हाटकेश्वर ब्रिज को बनाने में हल्के स्तर की सामग्री का उपयोग, लैब रिपोर्ट में खुलासा

Video..... हाटकेश्वर ब्रिज को बनाने में हल्के स्तर की सामग्री का उपयोग, लैब रिपोर्ट में खुलासा

अहमदाबाद. पिछले छह माह से बंद हालत में चल रहे शहर के हाटकेश्वर फ्लाईओवर ब्रिज Hatkeshwar Bridge के मामले में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। ब्रिज के मटीरियल का टेस्ट कराए जाने पर सामने आई रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि ब्रिज बनाने में जो सामग्री इस्तेमाल की गई है, वह हल्के स्तर की है। यही वजह है कि 50 साल औसतन आयु वाले ब्रिज को महज पांच साल में ही बंद करने की नौबत आ गई।

महानगरपालिका के विपक्ष के नेता शहजादखान पठान ने कहा कि पिछले वर्ष सीआईएमईसी लैब में कंकरीट की प्राइमरी रिबाउंड हैमर टेस्ट किया गया था। जिसकी रिपोर्ट में सामने आया है कि ब्रिज में उपयोग ली गई सामग्री हल्के स्तर की है।
पठान के अनुसार रिपोर्ट में एम 45 ग्रेड की कंकरीट का उपयोग होना चाहिए था, जबकि जिस कंकरीट का उपयोग किया गया है वह एम 25 ग्रेड की बताई गई है। यह ब्रिज पिछले छह माह से बंद है। उन्होने कहा कि यह रिपोर्ट बताती है कि इस ब्रिज में हल्के स्तर की सामग्री उपयोग में ली गई है। उन्होंने आरोप लगाया कि इस सब के बावजूद ब्रिज बनाने वाली कंपनी और मनपा के जिम्मेदार अधिकारी के खिलाफ इस संंबंध में कोई कार्रवाई नहीं की गई है। इस ब्रिज का निर्माण वर्ष 2015 से शुरू हुआ था और 30 नवम्बर 2017 को इसका उद्घाटन भी हो गया था।

5 साल में छह बार मरम्मत
पठान ने कहा कि इस पुल की अवधि 50 वर्ष मानी गई थी, इसके बावजूद पांच वर्ष में ही इसकी छह बार मरम्मत करनी पड़ी थी। आखिरकार अगस्त 2022 को पुल की स्थिति और लोगों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए इसे बंद ही कर दिया गया।

स्थानीय व्यापारी, लोग कर चुके हैं ब्रिज तोड़ने या शुरू करने की मांग
कुछ दिन पहले ही इस ब्रिज के पास के व्यापारी व स्थानीय लोग इस ब्रिज को तोड़कर या फिर इसकी अच्छे से मरम्मत कर इसे पुन: शुरू करने की मांग कर चुके हैं। ब्रिज का उठावना तक कर चुके हैं।