द्वारका मंदिर के बाद अब डाकोर मंदिर में भी लगा प्रतिबंध
डाकोर. आणंद. खेड़ा जिले के डाकोर में छोटे कपड़े पहनने पर रणछोड़राय मंदिर में प्रवेश नहीं मिलेगा।
गुजरात के द्वारका मंदिर के बाद अब डाकोर मंदिर में भी छोटे कपड़े पहनने पर प्रतिबंध लगाया गया है। गुजरात का प्रसिद्ध तीर्थ स्थल डाकोर का रणछोड़राय मंदिर हिंदू धर्म का प्रमुख तीर्थस्थल है। यहां प्रतिदिन हजारों श्रद्धालु आते हैं।अब डाकोर के रणछोड़राय मंदिर छोटे कपड़े पहनकर आने वाले यात्रियों का प्रवेश वर्जित किया गया है। मंदिर के बाहर इस संबंध में बोर्ड लगाया गया है। इसके अनुसार मंदिर में छोटे कपड़े पहनने पर रोक लगाई है। मंदिर में आने वाले सभी वैष्णव भाई-बहनों से छोटे कपड़े पहनकर मंदिर में प्रवेश न करने की अपील की गई है। इस संबंध में डाकोर मंदिर समिति के ट्रस्टी परेंदु भगत ने डाकोर मंदिर के प्रबंधक को डाकोर मंदिर में धोती की व्यवस्था करने का निर्देश दिया है ताकि मंदिर में आने वाले वैष्णवों को किसी भी प्रकार की परेशानी न हो।
गौरतलब है कि बनासकांठा जिले के अंबाजी मंदिर में छोटे कपड़े पहनने वाले श्रद्धालुओं को प्रवेश की इजाजत नहीं है। अरवल्ली जिले के शामलाजी में शामलाजी मंदिर में भी छोटे कपड़े पहनकर आने वाले श्रद्धालुओं के प्रवेश पर रोक लगा दी गई है। देवभूमि द्वारका जिले में भगवान द्वारकाधीश के मंदिर में भी भारतीय संस्कृति के अनुरूप पोशाक पहनकर आने के बारे में बैनर लगाए गए हैं। अब डाकोर मंदिर में भी छोटे कपड़े पहनने पर प्रतिबंध लगाया गया है।
पिछले कुछ सालों से वेस्टर्न ड्रेस के आकर्षण में युवक-युवतियां फैशनेबल दिखने के लिए छोटे कपड़े पहनकर मंदिरों में जा रहे हैं। ऐसे युवक-युवतियों के मंदिर में जाने से रोके जाने से विवाद होता है। परिणामस्वरूप, मंदिरों में भगवान के दर्शन के लिए एक ड्रेस कोड लागू करने की सिफारिश की गई थी। देश के कई मंदिरों में नियम है कि जिनका शरीर 80 फीसदी तक ढका होगा, उन्हें ही मंदिर में प्रवेश की इजाजत होगी। इसलिए विभिन्न मंदिरों ने ड्रेस कोड भी लागू किया है।