
university syllabus
अजमेर. लॉकडाउन, कोरोना संक्रमण और अवकाश के चलते राज्य के विश्वविद्यालयों की की परेशानियां बढ़ेंगी। विश्वविद्यालयों को कहीं एकमुश्त इंटीग्रेटेड तो कहीं 2021-22 के विषयवार सिलेबस तैयार करने हैं। विशेषज्ञों को बुलाना और पाठ्यचर्या समिति की बैठक कराना आसान नहीं होगा।
राज्य में 28 विश्वविद्यालय हैं। इनमें उच्च, तकनीकी, चिकित्सा, विधि और संस्कृत सहित अन्य विश्वविद्यालय शामिल हैं। इन विश्वविद्यालयों से जुड़े इंजीनियरिंग, मेडिकल और अन्य कॉलेज में लॉ, कला, वाणिज्य, विज्ञान, ललित कला, प्रबंधन, तकनीकी, चिकित्सा, सामाजिक विज्ञान संकाय से जुड़े कोर्स चलते हैं। यह स्नातक और स्नातकोत्तर स्तरीय पाठ्यक्रम हैं।
यूं बनते हैं पाठ्यक्रम
इंजीनियरिंग और मेडिकल विश्वविद्यालयों को छोड़कर उच्च शिक्षा से जुड़े विश्वविद्यालयों में पाठ्यचर्या समिति (बोर्ड ऑफ स्टडीज) विषयवार पाठ्यक्रम तैयार करती हैं। समितियों में विभिन्न कॉलेज और यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर, रीडर और विशेषज्ञ शामिल किए जाते हैं। राज्य के कई विश्वविद्यालय एकमुश्त तीन साल के इंटीग्रेटेड पाठ्यक्रम भी बनाते हैं।
सिलेबस बनाना चुनौती
विश्वविद्यालयों को नए और पुराने कोर्स के सिलेबस तैयार करने हैं। कोरोना संक्रमण और लॉकडाउन के चलते फिलहाल पाठ्यचर्या समिति की बैठक होना मुश्किल है। विशेषज्ञों-शिक्षकों को दूसरे शहरों से बुलाना और सोशल डिस्टेंसिंग की पालना कराना भी कम सिरदर्द नहीं है।
यह चलते हैं कोर्स
फिजिक्स, केमिस्ट्री, जूलॉजी, बॉटनी, ईएफएफम, एबीएसटी, कॉमर्स-मैथ्स, इतिहास, राजनीति विज्ञान, अर्थशास्त्र, दर्शनशास्त्र, अंग्रेजी, हिंदी,चार वर्षीय बीए-बीएससी बीएड, 2 और 5 वर्षीय एलएलबी कोर्स, बीपीएड और एमपीएड, बीए/एम.ए फाइन आट्र्स कोर्स, डी-फार्मा और बी-फार्मा कोर्स, एमएससी फिजिक्स और एमएससी केमिस्ट्री कोर्स, बीसीए ऑनर्स और पीजीडीसीए, एमबीए इन सर्विसमैनेमेंट, एमबीए इन एग्जिक्यूटिव मैनेजमेंट, एमबीए इन ट्रेवल एन्ड टूरिज्म कोर्स आरै अन्य
Published on:
12 May 2021 08:23 am
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