
गोल्ड लोन के लिए नेट वजन में हेरफेर कर लगाई बैंक को चपत
अजमेर(Ajmer News). गोल्ड लोन के लिए महिला ने मूल्यांकनकर्ता से मिलीभगत कर कचहरी रोड स्थित कैनरा बैंक शाखा को लाखों रुपए की चपत लगा दी। बैंक प्रबंधन ने गिरवी रखे स्वर्ण आभूषण का पुर्नमूल्यांकन कराया तो महिला और मूल्यांकनकर्ता की पोल खुल गई। आरोपियों ने स्वर्ण का कुल वजन में सोने का नेट वेट ज्यादा बताकर 21 लाख 19 हजार रुपए का ऋण हासिल कर बैंक को चपत लगा दी। कोतवाली थाना पुलिस ने बैंक प्रबंधक की रिपोर्ट पर षड़यंत्रपूर्वक धोखाधड़ी का मुकदमा दर्जकर अनुसंधान शुरू कर दिया।
मध्यप्रदेश छतरपुर नरसिंहगढ़ निवासी सचिनकुमार गुप्ता ने रिपोर्ट दी कि वह कचहरी रोड स्थित कैनरा बैंक का मुख्य प्रबंधक व प्राधिकृत अधिकारी है। नागौर पालड़ी कला आछोजाई निवासी भंवरीदेवी पत्नी हरीराम ने कैनरा बैंक शाखा से 25 अक्टूबर 2023 को स्वर्ण ऋण के लिए आवेदन किया। आवेदन के साथ भंवरीदेवी स्वर्ण आभूषण गिरवी रखने के लिए लाई। बैंक ने बैंकिंग प्रकिया के अनुसार अपने पैनल मूल्याकंनकर्ता राकेश सोनी को स्वर्ण की शुद्धता की जांच के लिए बुलाया। मूल्यांकनकर्ता ने भंवरीदेवी के आभूषणों की जांच की। उसके अनुसार 25 अक्टूबर को कुल वजन 1922 ग्राम व निवल वजन 490.64 ग्राम था। तत्कालीन मूल्य 26 लाख 49 हजार 456 रुपए था। जिस पर बैंक में गोल्ड लोन रेट प्रतिग्राम 4320 रुपए से 21 लाख 19 हजार का ऋण स्वीकृत किया। मूल्यांकनकर्ता राकेश सोनी ने गणना की एवज में घोषणा व प्रमाण पत्र दिया गया। जिसमें आभूषण के परीक्षण व उत्तम स्वर्ण(22 कैरेट), सकल वजन, शुद्ध वजन व अनूसूची में प्रस्तुत ब्यौरे के अनुसार अनुमानत मूल्य लगाते हुए मूल्यांकन की गारंटी देता है। कैनरा बैंक ने मूल्यांकनकर्ता राकेश सोनी के घोषणा व प्रमाण पत्र पर भंवरी देवी को 21 लाख 19 हजार का गोल्ड लोन 25 अक्टूबर 023 को बचत खाते में डाल दिया।
पुनर्मूल्यांकन में खुलासा
गुप्ता ने बताया कि भंवरीदेवी को बैंक नियमानुसार स्वर्ण ऋण का त्रैमासिक मूल्यांकन करवाना अनिवार्य है। बैंक ने 5 मार्च 2024 को भंवरीदेवी के खाते का हंसराज सोनी ने फिर मूल्यांकन करवाया। मूल्यांकनकर्ता की जांच में पाया कि भंवरीदेवी के सोने का निवल वजन 178 ग्राम पाया। हंसराज सोनी के अनुसार बताए अन्तर से प्रतीत होता है कि मूल्यांकनकर्ता राकेश सोनी व गोल्ड लोन लेने वाली भंवरी देवी ने षडयंत्रपूर्वक गोल्ड लोन लिया। बैंक ने भंवरीदेवी के पते पर सम्पर्क किया तो उन्होंने संतोषजनक जवाब नहीं दिया। शिकायत के अनुसार मूल्यांकनकर्ता राकेश सोनी ने भंवरीदेवी के साथ मिलकर बैंक को धोखा देने की नियत से निवल वजन ज्यादा लिखा। दोनों ने धोखाधड़ी कर रकम हडपने की नियत से मिलीभगत करके ऋण लिया।
Published on:
13 Mar 2024 03:03 am
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