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सरकार से जीते मगर अपनों से ही हारे बैंककर्मी, नहीं मिला 2 करोड़ का एरियर

locationअजमेरPublished: Dec 14, 2020 09:28:56 pm

Submitted by:

bhupendra singh

बैंक ने वेतनमान एरियर राशि में से खुद का आयकर और पीएफ की हिस्सा राशि जमा करवाई
सीसीबी बैंक का मामला:
 

Banking Sakhi

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भूपेन्द्र सिंह

अजमेर. अजमेर सेंन्ट्रल को-ऑपरेटिव बैंक के कर्मचारियों Bank workers ने 15वें वेतनमान की लम्बी लड़ाई सहकारिता विभाग से तो जीत ली लेकिन अब स्वयं के बैंक प्रबंधन की हठधर्मिता कर्मचारियों पर भारी पड़ रही है। बैंक प्रबन्धन कर्मचारियों के 15 वें वेतनमान का बकाया करीब 2 करोड़ रुपये के एरियर arrears of 2 crores पर कुंडली मारे बैठा है। यह बकाया एरियर कर्मचारियों को नहीं दिया जा रहा। अजमेर के सीसीबी बैंक कर्मियों की लम्बी लड़ाई के बाद 15वें वेतनमान में बैंक कार्मिकों को सहकारिता विभाग ने 23-1-2020 से एकमुश्त एरियर स्वीकृत किया था। जिसका आंकड़ा करीब पौने दो करोड़ रुपये बैठता है।
प्रबंधन नें अन्य खाते में जमा करवा दी रकम
सभी कार्मिकों की एरियर राशि बैंक द्वारा 31 मार्च 2020 को पारित कर प्रधान कार्यालय के बजाय एक अन्य शाखा के संड्री क्रेडिटर्स खाते में जमा कर ली गई । बैंक द्वारा सभी कार्मिकों को मौखक रूप से एरियर राशि को प्राप्त करना बताते हुए वार्षिक आयकर रिटर्न में शामिल करने के निर्देश भी दिए गए। साथ ही मार्च-2020 का क्लोजिंग कार्य पूर्ण होने के बाद संबंधित बकाया एरियर राशि का भुगतान कर्मचारियों के खातों में करने का भरोसा भी दिलाया गया।
इस राशि में से बैंक ने आयकर और पीएफ जमा करवा दिया

चौंकाने वाली बात यह कि बैंक द्वारा कार्मिकों को देय एरियर राशि कर्मचारिोयं को तो नहीं दी गई, अलबत्ता उस राशि में से ही बैंक के आयकर का चुकारा कर दिया गया और कर्मचारियों को बैंक की ओर से दी जाने वाली पीएफ की राशि का हिस्सा भी उन्हीं की इस एरियर राशि में से उनके पीएफ खातों में बैंक की हिस्सा राशि के रूप में जमा करवा दी गई। इसी आधार पर समस्त कार्मिकों के वर्ष 2019-20 के फ ार्म-16 भी जारी कर दिए गए। लेकिन बारंबार मांगे जाने के बावजूद बकाया एरियर राशि किसी भी बैंक कर्मी को भुगतान नहीं की गई है।
भुगत रहे हैं पेंशनर

कार्यरत कार्मिकों को तो मासिक वेतन मिल रहा है, लेकिन बैंक के इस गोरखधंधे का बड़ा खामियाजा सेवानिवृत कार्मिकों को भुगतना पड़ा रहा है, जिन्हें पेंशन के नाम पर 3000 से भी कम राशि मिल रही है। सेवानिवृत कर्मचारियों ने कर्मचारियों के साथ ऐसा किए जाने को छल और श्रम कानूनों के खिलाफ बताया है। यह एरियर राशि कुल 1 करोड़ 72 लाख 6 हजार 410 रुपए है।
भुगतान रुकने से हो रहा संदेह
समझौता होने के बाद भी कर्मचारियों के करोड़ों रूपए का भुगतान नहीं होने से मामला संदेहास्पद होता जा रहा है। बैंक अध्यक्ष व समस्त बैंक संचालकों को भी मामले की जानकारी है परन्तु वहां से भी कुछ कार्यवाही नहीं किया जाकर चुप्पी साध लेना कार्मिकों के लिये चिन्ताजनक है।
( इस मामले में बैंक के एमडी बजरंग लाल झारोटिया से उनका पक्ष जानने का प्रयास किया गया लेकिन वे उपलब्ध नहीं हुए। )

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