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मिल रही है तो बस तारीख पे तारीख……….

locationअजमेरPublished: Dec 05, 2019 04:10:19 pm

Submitted by:

Preeti Preeti Bhatt

राजकीय अमृतकौर चिकित्सालय
प्लेट निकलवाने के लिए एक मरीज काट रहा चक्करअगस्त में करवाया ऑपरेशन, अब लगाने पड़ रहे चक्कर, अस्पताल प्रशासन को बताई पीड़ा

मिल रही है तो बस तारीख पे तारीख..........

मिल रही है तो बस तारीख पे तारीख……….

ब्यावर. अमृतकौर चिकित्सालय( Amritkaur Hospital) में एक मरीज ऑपरेशन के दौरान डाली गई प्लेट को वापस निकलवाने के लिए बार-बार चक्कर काट रहा है। चिकित्सक उसका ऑपरेशन नहीं कर बार-बार तारीख दे रहा है। इससे परेशान मरीज ने बुधवार को चिकित्सालय प्रशासन को शिकायत देकर अपनी पीड़ा बताई।
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ग्राम पीपाड़ा निवासी रामकरण के पैर की हड्डी फ्रेक्चर हो गई। अमृतकौर चिकित्सालय में अगस्त में ऑपरेशन कराया। ऑपरेशन करवाने के बाद नवम्बर माह में प्लेट वापस निकलवाने का समय दिया। रामकरण नियत तिथि के बाद से चार बार अस्पताल के चक्कर काट चुका है। इसके बावजूद पैर से प्लेट निकालने के लिए ऑपरेशन करने की तारीख नहीं दी जा रही है, जबकि मरीज का कहना था कि वह जैतारण क्षेत्र के ग्राम पीपाड़ा से यहां आता है तो उसका अनावश्यक खर्च होता है। इसके बावजूद चिकित्सक उसकी सुनवाई नहीं कर रहे है। इससे परेशान होकर रामकरण ने अस्पताल प्रशासन से अपनी पीड़ा बताई।
इनका कहना है
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एक मरीज का ऑपरेशन किया था। मरीज का वार्ड में व्यवहार सही नहीं है। इस कारण से स्टाफ को परेशानी हो रही है। इस कारण से प्लेट निकालने का ऑपरेशन नहीं किया है।
डॉ. अरविन्द अग्रवाल, हड्डी रोग विशेषज्ञ, अमृतकौर चिकित्सालय, ब्यावर
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चार दिन बाद मिली मरीजों को राहत

राजकीय अमृतकौर चिकित्सालय : सोनोग्राफी जांच का मामला

ब्यावर. राजकीय अमृतकौर चिकित्सालय में बीते चार दिनों से बंद पड़ी सोनोग्राफी बुधवार से फिर शुरू हुई और महिला मरीजों को राहत मिली। अस्पताल में एक ही रेडियोलॉजिस्ट है और उनके तारीख पेशी व अवकाश होने के कारण चार दिन से सोनोग्राफी बंद थी। बुधवार को रेडियोलॉजिस्ट डॉ. साबिर हुसैन के लौटने पर सोनोग्राफी फिर शुरू हुई। गौरतलब है कि अस्पताल में एक ही सोनोग्राफी मशीन है और वह भी काफी पुरानी है। साथ ही यहां पर दो रेडियोलॉजिस्ट के पद स्वीकृत हैं लेकिन एक पद रिक्त चल रहा है।
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ऐसे में एक चिकित्सक के अवकाश व बाहर जाने पर सोनोग्राफी बंद रखनी पड़ती है और मरीजों को परेशानी उठानी पड़ती है। इसी प्रकार यहां पर मरीजों की संख्या भी रोजाना सत्तर अस्सी के करीब रहती है, जबकि एक चिकित्सक करीब चालीस सोनोग्राफी ही कर पाता है। ऐसे में बैकलॉक बढ़ रहा है। वर्तमान में यहां पर करीब पन्द्रह दिन बाद की तिथि दी जा रही है। बीते दिनों सोनोग्राफी बंद होने के कारण तिथि मिलने वाले मरीजों को परेशानी उठानी पड़ी। गत 29 नवम्बर को 36 सोनोग्राफी हुई। इसके बाद 30 नवम्बर, एक, दो व तीन दिसम्बर को कोई सोनोग्राफ नहीं हुई।

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