
रोज चढ़ाया जाता है यहां पर दूध / तेजा चौक स्थित थान पर बनी है बांबी
ब्यावर. जितनी ऐतिहासिक तेजा मेले की ख्याति है उतनी ही तेजा चौक स्थित थान पर बनी सांप की बांबी भी प्रसिद्ध है। श्रद्धालु बांबी पर आज भी रोजाना दूध चढ़ाते हैं। मेले के दौरान बांबी में चढाया जाने वाला कई लीटर दूध कहां जाता है इसका खुलासा नहीं हो सका है। ग्रामीण जो शहर में दूध बेचने आते हैं इस बांबी पर दूध जरूर चढ़ाते हैं। यह कहना है थान के पुजारी विजय आनंद धौलिया का। उन्होंने बताया कि उनके पिताजी-दादा-परदादा रोजाना थान पर बनी बांबी में सुबह-शाम दूध चढ़ाते आए हैं। उन्होंने कभी नहीं देखा कि जो दूध बांबी में चढ़ाया जाता है वह कभी बाहर आया हो। धौलिया के मुताबिक तेजाजी की निर्वाण स्थली सुरसुरा और अन्य स्थानों पर भी बांबी की जानकारी है, मगर ब्यावर स्थित बांबी एकमात्र वो बांबी है जो आज भी चालू है।
हालांकि कुछ श्रद्धालुओं का कहना है कि यह बांबी भी कुछ समय के लिए बंद रही थी मगर बाद में अचानक फिर से इसने दूध ग्रहण करना शुरू कर दिया। इस बारे में पुजारी धौलिया का कहना है कि बांबी में जो दूध डालते हैं वह वापस बाहर नहीं आता है। उन्होंने भी माना कि जब सुभाष उद्यान स्थित कुआं बंद हो गया था तब थान पर स्थित बांबी भी बंद हो गई थी। मगर बाद में यह फिर शुरू हो गई। यहां 365 दिन दूध चढ़ता है।
दशमी को बदलते हैं झण्डे...
थान पर हर समय पांच बड़े झंडे एक प्रतिमा के समीप और चार गुंबद के समीप लगे रहते हैं। जिन्हें हर दशमी को बदला जाता है। आस-पास के व्यापारियों ने बताया कि जो भी झंडे चढ़ते हैं उन्हें आस-पास के गांवों में स्थित थान पर जब कोई झंडा बदलना होता है तो पुजारी वहां के लिए झंडा उपलब्ध कराते हैं। इतना ही नहीं मेले में काफी मात्रा में चढऩे वाले दूध की कुछ मात्रा को बांबी में डालने के बाद उसे बर्तन में एकत्र कर लिया जाता है। जिसे आस-पास के क्षेत्र में जरूरतमंद परिवारों को निशुल्क उपलब्ध कराया जाता है।
Published on:
05 Sept 2019 12:41 pm
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