इनमें टोंक और नागौर जिले के ऐसे कॉलेज शामिल हैं, जिन्हें महज एक सत्र की परीक्षाएं कराने के बावजूद केंद्र बना दिया गया था।
अजमेर.
महर्षि दयानंद सरस्वती विश्वविद्यालय में रामपाल सिंह द्वारा बनाए गए परीक्षा केंद्रों पर ना विद्यार्थी आवंटित होंगे ना परीक्षाएं कराई जाएंगी। इसको लेकर कुलसचिव परीक्षा विभाग में पत्रावली भेज चुके हैं। इन केंद्रों पर कुलपति ओम थानवी की अनुमति के बगैर परीक्षा फॉर्म भी नहीं भरवाए जा सकेंगे।
सत्र 2019-20 की परीक्षाओं के लिए कॉलेज में नए केंद्र गठन की योजना बनाई गई थी। निलंबित कुलपति रामपालसिंह के स्तर पर बाकायदा एक परीक्षा समिति गठित की गई। इसमें डीन समेत कॉलेज और विश्वविद्यालय के शिक्षक शामिल किए गए। पुराने नियमों को दरकिनार करते हुए 30 नए केंद्र बना दिए गए थे। इनमें टोंक और नागौर जिले के ऐसे कॉलेज शामिल हैं, जिन्हें महज एक सत्र की परीक्षाएं कराने के बावजूद केंद्र बना दिया गया था।
कुलसचिव भेज चुके पत्रावली
जिन कॉलेज में परीक्षा केंद्र बनाए गए हैं, इनमें ज्यादातर कॉलेज वे हैं, जिनकी निलंबित कुलपति और उसका दलाल डील कर रहे थे। इन कॉलेज को परीक्षा केंद्र बनाए जाने को लेकर विधायक अनिता भदेल ने विधानसभा में सवाल भी लगाया है। कुलसचिव भागीरथ सोनी ने बताया कि वे परीक्षा विभाग में पत्रावली भेज चुके हैं। कुलपति ओम थानवी की अनुमति के बगैर इन केंद्रों में फॉर्म भरवाने अथवा परीक्षाएं कराने का फैसला नहीं हो सकेगा।
कहीं छह तो कहीं 200 विद्यार्थी....
पुराने नियमों को किनारा करते हुए करीब 30 नए केंद्र बनाए गए। इनमें ज्यादातर कॉलेज नागौर जिले के हैं। महज एक सत्र की परीक्षाएं कराने वाले कॉलेजों को परीक्षा केंद्र बनाया गया। इनमें एक कॉलेज ऐसा है जहां महज छह विद्यार्थी हैं। जबकि अन्य कॉलेज में 150-200 विद्यार्थी बताए गए हैं। इसके अलावा 25 पुराने कॉलेज भी शामिल हैं, जिनके आवेदन ड्यू थे। एकेडेमिक कौंसिल और प्रबंध मंडल बैठक में परीक्षा केंद्र गठन नियमों का कई सदस्यों ने विरोध भी किया था।