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Bisalpur dam : …तो अजमेर में गहराएगा गंभीर जल संकट!

शायद आप चौंकेंगे। लेकिन यह हकीकत है कि बीसलपुर बांध (Bisalpur dam) महज दो साल ही अजमेर जिले की पानी की मांग पूरी कर पाएगा। यह स्थिति बांध के सूखने अथवा कम बरसात से नहीं बल्कि सरकार की सुस्ती से बनने वाली है।

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अजमेर

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Preeti Bhatt

Jun 18, 2019

Bisalpur dam : Water crisis in Ajmer

Bisalpur dam : ...तो अजमेर में गहराएगा गंभीर जल संकट!

बीसलपुर बांध : तीसरे चरण की योजना फाइलों में दफन

अमित काकड़ा.

अजमेर. शायद आप चौंकेंगे। लेकिन यह हकीकत है कि बीसलपुर बांध महज दो साल ही अजमेर जिले की पानी की मांग पूरी कर पाएगा। यह स्थिति बांध के सूखने अथवा कम बरसात से नहीं बल्कि सरकार की सुस्ती से बनने वाली है। दरअसल बांध के तृतीय चरण को लेकर सरकार और जलदाय विभाग फिक्रमंद नजर नहीं आ रहे हैं। यह वो महत्वपूर्ण चरण है जिसकी अजमेर जिले को सर्वाधिक जरूरत है। इसके तहत बांध में अन्य स्रोतों से पानी लाने के इंतजाम करने हैं। अगर ऐसा नहीं हुआ तो हालात भयावह होंगे और लोगों को जबरदस्त जल संकट से जूझना पड़ेगा।

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अजमेर जिले की लाइफ लाइन बीसलपुर बांध में अजमेर सहित भीलवाड़ा-चित्तौडगढ़ जिले में होने वाली बरसात का पानी पहुंचता है। पिछले साल बांध के भराव क्षेत्र में कमजोर मानसून की वजह से अपेक्षा के अनुरूप पानी नहीं आ पाया था जिसका असर इस साल जलापूर्ति पर नजर आने लगा है। बीसलपुर बांध से अजमेर जिले की हिस्सेदारी 5 टीएमसी आरक्षित की गई है। शहरी क्षेत्र के अंतर्गत अजमेर, ब्यावर, किशनगढ़, नसीराबाद, केकड़ी, सरवाड़, बिजयनगर और पुष्कर में जलापूर्ति की जाती है। इसमें जिले के शहरी इलाके में रहने वाले 12 लाख लोगों और ग्रामीण क्षेत्र में रहने वाले 18 लाख लोगों को जलापूर्ति की जा रही है। बढ़ती जनसंख्या और जरूरत को देखते हुए आगामी वर्षों में अजमेर का हिस्सा बढ़ाना जरूरी हो गया है। वर्तमान में बांध से अजमेर सहित जयपुर और टोंक जिले को भी जलापूर्ति की जा रही है।

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तीन साल से मामला पाइप लाइन में

मानूसन की अनिश्चितता को देखते हुए सरकार ने तीसरे चरण के तहत बांध में अन्य स्रोतों से पानी लाने की योजना बनाई थी। लेकिन योजना का खाका तैयार करने के साथ ही इसे फाइलों में दबा दिया गया। जलदाय विभाग भी तीन वर्ष पूर्व सरकार को पत्र लिखकर योजना को मूर्त रूप देने के आग्रह की औपचारिकता पूरी कर चुपचाप बैठ गया। सरकार और विभाग की इस लापरवाही को खमियाजा अब जनता को भुगतना पड़ सकता है।

सप्लाई में होगी कटौती

अजमेर जिले की पेयजल आपूर्ति बीसलपुर बांध पर ही निर्भर है। अगर वर्ष-2021 तक बांध में पानी की अतिरिक्त व्यवस्था नहीं हुई तो गंभीर जल संकट खड़ा हो जाएगा। पानी की मात्रा नहीं बढऩे से जिले को मांग की तुलना में आपूर्ति नहीं हो पाएगी और जिले को जलापूर्ति में कटौती से जूझना पड़ेगा।

पहला चरण 9 और दूसरा 7 वर्षों में हुआ पूरा

बीसलपुर के पहले चरण का कार्य 1987 में शुरू होकर 1994 में पूरा हुआ था। वहीं दूसरे चरण का कार्य 2005 में शुरू हुआ और 2011 में पूरा हुआ। जानकारी के अनुसार योजना का तीसरा चरण पूरा होने में भी कम से कम पांच साल का समय लगेगा।

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वर्तमान में जलापूर्ति

अजमेर, ब्यावर और किशनगढ़ में 155 लीटर, नसीराबाद, केकड़ी सरवाड़ व पुष्कर में 135 लीटर और ग्रामीण क्षेत्र में 40 लीटर प्रति व्यक्ति जलापूर्ति की जा रही है

यह है अनुमानित जनसंख्या

2021 2036 2051

अजमेर, ब्यावर, किशनगढ़

1127811, 1572935, 2210510

नसीराबाद केकड़ी सरवाड़ पुष्कर

172366, 241312 337237

ग्रामीण : 2776585 3887217 5442107

2021 में जिले की मांग हो जाएगी 5 टीएमसी

अजमेर जिले की मांग

वर्ष मांग (टीएमसी)

2021. 4.97

2036. 6.78

2051. 9.36

यह होना है तीसरे चरण में

-बीसलपुर बांध में पानी की उपलब्धता बढ़ाने के लिए ब्राह्मणी नदी से बीसलपुर तक पानी लाना।

-फिल्टर प्लांट, पंप हाउस, पाइपलाइन बिछाने सहित अन्य मूलभूत कार्य।

इनका कहना है

जनसंख्या के अनुसार पानी की मांग बढ़ती है। अजमेर के लिए तीसरा चरण शुरू करने के लिए सरकार को पत्र लिखा गया है।

-पी. एल. वर्मा, अतिरिक्त मुख्य अभियंता जलदाय विभाग अजमेर


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