19 दिसंबर 2025,

शुक्रवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

राजस्व मंडल: 46 साल से ‘तारीख पे तारीखÓ

सैकड़ों बीघा सरकारी भूमि का विवाद राजस्व मंडल का सबसे पुराना मुकदमा 14 अक्टूबर को लार्जर बेंच तय करेगी कानूनी बिन्दु राजस्व मंडल

2 min read
Google source verification
court news

court news

भूपेन्द्र सिंह

अजमेर.भूमि विवाद की सबसे बड़ी अदालत राजस्व मंडल में पिछले 46 सालों से नगर पालिका नोहर की सैकड़ों बीघा सरकारी भूमि से जुड़ा एक मुकदमा तारीखों में चल रहा है। हनुमानगढ़/ श्री गंगानगर जिले का यह मामला सरकार बनाम कृष्णा नन्द गिरी एवं सरकार बनाम लेखराम प्रकरण के निपटारे के लिए उच्च न्यायालय के निर्देश के बाद मंडल अध्यक्ष राजेश्वर सिंह ने मामला का निपटारा करने के लिए वृहद पीठ का गठन किया है। यह पीठ 14 अक्टूबर को मामले की सुनवाई करेगी। वृहद पीठ में अध्यक्ष के साथ एक सदस्य आईएएस कोटे जबकि दूसरे न्यायिक कोटे से हैं। तय होगा कानूनी बिन्दुरेफरेंस प्रकरण में जागीरदारी बिस्वेदारी उन्मूलन के तहत सरकार मेंनिहित होने पर क्या राजस्व या न्याय पालिका को दावा सुनने का क्षेत्राधिकारी है या नहीं यह तय किया जाना है। इस एक बिन्दु पर फैसला आने के बाद कानूनी पेचीदगी नहीं होगी। यह मुकदमा राजस्व मंडल का सबसे पुराना मुकदमा है। पिछले 46 सालों से राजस्व मंडल,उच्चतम न्यायालय व उच्च न्यायालय से लेकर फिर राजस्व मंडल में तारीखों के बीच ही उलझा हुआ है।

जानबूझकर देरी का आरोप

पक्षकार के अधिवक्ता ने राजस्व मंडल अध्यक्ष को प्रार्थना पत्र प्रस्तुत कर प्रकरण के शीघ्र निस्तारण तथा वृहद पीठ में दोनो सदस्य न्यायिक कोटे से ही लगाए जाने की मांग की है। पक्षकार के अधिवक्ता का आरोप है कि मामले में जानबूझ कर देरी की जा रही है।

यह है मामला

29 दिसम्बर 1976 को तत्कालीन जिला कलक्टर श्री गंगानगर ने उपखंड अधिकारी नोहर के फैसले के विरुद्ध राजस्व मंडल में रेफरेंस प्रस्तुत किया। सुनवाई के दौरान यह खारिज हो गया। बाद में उच्च न्यायालय जोधपुर में नजरसानी (रिवीजन) निरस्त कर दो बार मेरिट पर सुनने के आदेश दिए गए। राजस्व मंडल की एकल पीठ ने रेफरेंस स्वीकार किया। इसके खिलाफ उच्च न्यायालय में मेरिट पेश होने पर अंतिम बहस सुनकर दोबारा राजस्व मंडल में मंडल अध्यक्ष की अध्यक्षता में दो अन्य सदस्यों को सुनवाई के लिए भेजा गया। राजस्व मंडल में मुकदमा पेंडिग के दौरान जयपुर की नगरीय कमेटी द्वारा नगर पालिका की भूमि को कृष्णानन्द के नाम से अलग रहने का आदेश दिया गया। जिसे राजस्व मंडल द्वारा स्वीकार किया गया तथा उच्च न्यायालय की एकल पीठ द्वारा सरकार की रिट याचिका खारिज कर दी गई। इसकी अपील को खंडपीठ ने मियाद के बिन्दु पर ही खारिज कर दिया गया।

read more: सीटीएल घोटाला: अतिरिक्त मुख्य अभियंता ने शुरू की जांच दर्ज किए बयान