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अजमेर में एंटीक खजाने पर पुलिस का बड़ा शिकंजा, हाथी दांत से लेकर राजसी दौर के सिक्के बरामद

पुलिस कार्रवाई : आईपीएस अजयसिंह राठौड़ के नेतृत्व में जिले की सबसे बड़ी कार्रवाई, गिरिराज सोनी के मकान से ऐतिहासिक धरोहरें जब्त

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अजमेर

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Manish Singh

Dec 18, 2025

अजमेर में एंटीक खजाने पर पुलिस का बड़ा शिकंजा, हाथी दांत से लेकर राजसी दौर के सिक्के बरामद

अजमेर(Ajmer News). जिले में अवैध एंटीक और वन्यजीव अवशेषों की तस्करी के खिलाफ अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई सामने आई है। आईपीएस अजेयसिंह राठौड़ के नेतृत्व में जिला स्पेशल टीम ने हाथीभाटी क्षेत्र में एक मकान प दबिश दी। कार्रवाई में हाथी के दांत, राजा-महाराजाओं के समय के सोने-चांदी के सिक्के, प्राचीन मूर्तियां, तलवारें, बड़ी संख्या में दुर्लभ एंटीक वस्तुएं बरामद की हैं। पुलिस और पुरातत्व विभाग की संयुक्त टीम ने बरामद वस्तुओं की पड़ताल में जुटी है।

जानकारी के अनुसार गुरूवार तड़के आईपीएस अजेय सिंह राठौड़ के नेतृत्व में जिला स्पेशल टीम ने हाथीभाटा में रहने वाले गिरिराज सोनी के मकान पर मुखबीर की सूचना के आधार पर दबिश दी। तलाशी के दौरान ऐसे ऐतिहासिक और प्रतिबंधित सामान मिले, जिनकी अंतरराष्ट्रीय बाजार में करोड़ों रुपए की कीमत आंकी जा रही है। बरामद वस्तुओं में हाथी दांत के टुकड़े, शिल्पकारी वाली मूर्तियां, प्राचीन हथियार व राजसी काल के सिक्के शामिल हैं, जो प्रथमदृष्टया पुरातात्विक महत्व के बताए जा रहे हैं। कार्रवाई में अलवरगेट थानाप्रभारी नरेन्द्रसिंह जाखड़, स्पेशल टीम के एएसआई सतपाल सिंह, सुमेर सिंह समेत तमाम जाब्ता मौजूद था।

जब्ती के बाद होगा खुलासा

कार्रवाई में पुरातत्व विभाग की विशेषज्ञ टीम भी मौके पर मौजूद है, जो प्रत्येक वस्तु की ऐतिहासिकता और वैधानिक स्थिति की जांच कर रही है। फिलहाल जब्ती की प्रक्रिया जारी है और दस्तावेजीकरण के बाद ही पूरे मामले का खुलासा एसपी वंदिता राणा व आईपीएस अजेय सिंह राठौड़ द्वारा किया जाएगा।

पहले भी हाथी दांत हो चुका है बरामद

इससे पहले भी अजमेर में हाथी दांत तस्करी और एंटीक वस्तुओं के अवैध कारोबार को लेकर वन विभाग की टीम बड़ी कार्रवाई कर चुकी है। पूर्व मामलों में भी तस्कर अंतरराज्यीय नेटवर्क से जुड़े पाए थे। ऐसे में यह आशंका जताई जा रही है कि वर्तमान मामला भी संगठित गिरोह से जुड़ा हो सकता है।

प्रवर्तन एजेंसिया हुई सक्रिय

पुलिस अब यह जांच कर रही है कि बरामद एंटीक वस्तुएं कहां से लाई गईं, इन्हें बेचने का नेटवर्क कितना बड़ा है, इसमें कौन-कौन लोग शामिल हैं। यह कार्रवाई न केवल कानून प्रवर्तन एजेंसियों की बड़ी सफलता मानी जा रही है, बल्कि ऐतिहासिक धरोहरों की सुरक्षा की दिशा में भी एक अहम कदम है।