
defaultबुधवार शाम को ख्वाजा साहब के 814वें उर्स का बुलंद दरवाजे पर झंडा चढाते हुए। पत्रिका
अजमेर(Ajmer News). ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती के 814वें उर्स की शुरुआत कड़े सुरक्षा इंतजामों के साथ हुई। बुधवार को उर्स का परंपरागत झंडा चढ़ाए जाने के दौरान दरगाह क्षेत्र में पुलिस प्रशासन पूरी तरह अलर्ट रहा। संभावित धक्का-मुक्की और भगदड़ की आशंका को देखते हुए पुलिस ने जायरीन की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सख्ती से भीड़ नियंत्रण प्रबंधन किया।सुरक्षा के कड़े इंतजाम
बुधवार को अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (शहर) हिमांशु जांगिड़ के नेतृत्व में दरगाह में सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए गए। भीलवाड़ा जिले के गौरी परिवार द्वारा बुलंद दरवाजे पर चढ़ाए गए झंडे के दौरान करीब 350 अतिरिक्त पुलिस जवानों की तैनाती की गई। इस दौरान एंटी-रॉट किट से लैस पुलिसकर्मियों की विशेष टुकड़ी भी मौजूद रही। इसके अलावा एएसपी, सीओ, सीआई, एसआई समेत बडी़ संख्या में तैनात जवानों ने अलग-अलग पॉइंट पर प्रभावी भीड़ नियंत्रण किया।
बुलंद दरवाजे पर सुरक्षा को लेकर विशेष सख्ती बरती गई। यहां केवल 15 पासधारी व्यक्तियों को ही ऊपर चढ़ने की अनुमति दी गई। उर्स के झंडे को चूमने की होड़ में भगदड़ जैसे हालात बनने की संभावना को देखते हुए पुलिस ने झंडा चढ़ाने के मार्ग को पहले ही खाली करवा लिया था।
इस मर्तबा सुरक्षा के लिए बैरिकेडिंग और नियंत्रित प्रवेश व्यवस्था लागू की गई। निजाम गेट के सामने दरगाह बाजार में जायरीन को करीब 200 फीट दूर रखा गया। पर्याप्त बैरिकेड लगाकर और रस्सों के जरिए भीड़ नियंत्रण किया गया। निजाम गेट पर अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक प्रियंका के नेतृत्व में पुलिस जाप्ते की तैनाती रही। नला बाजार, दरगाह बाजार, अंदर कोट जाने वाले मार्गों पर पर्याप्त जाप्ता तैनात करते हुए दुकाने बंद कराई गई।
बलवा के दौरान पुलिस द्वारा पहने जाने वाले विशेष सूट एंटी-रॉट किट पहने जवानों की मौजूदगी रही। पॉली कार्बोनेट से बना यह किट दंगे जैसी किसी भी अप्रिय स्थिति में जवानों को सिर, छाती, हाथ-पैरों की चोट से बचाने में कवच का काम करता है। इसमें हेलमेट, बॉडी प्रोटेक्टर, ढाल और डंडा जैसे उपकरण होते हैं। जिससे जवान सुरक्षित रहकर प्रभावी ढंग से भीड़ को नियंत्रित कर सकें।
उर्स के दौरान जायरीनों की सुविधा और सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता है। सुरक्षा के उद्देश्य से हर स्तर पर सतर्कता बरती जा रही है। ताकि उर्स शांतिपूर्ण और सुरक्षित माहौल में संपन्न हो सके।
हिमांशु जांगिड़अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (शहर), अजमेर
Published on:
18 Dec 2025 02:34 am
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