
अजमेर.अजमेर सेंट्रल कॉपरेटिव बैंक कर्मचारियों को 15 वां वेतनमान के बकाया करोड़ों रुपए के एरियर पर बैंक प्रबन्धन द्वारा कुंडली मारने और उनका भुगतान arrear payment नहीं देने के मामले को जिला कलक्टर द्वारा गंभीरता से लेने और मामले की जांच शुरु करने के अब सीसीबी बैंक प्रबन्धन भी हरकत में आ गया है। बैंक प्रबन्धन ने कर्मचारियों के बकाया एरियर का मामला बैंक की बोर्ड बैठक के जरिए निपटाने के लिए तिथि निर्धारित कर दी है। इसका एजेंडा तैयार किया जा रहा है। बोर्ड बैठक 24 दिसम्बर CCB board meeting को होगी। बोर्ड बैठक में प्रस्ताव को मंजूरी देते इसे सहकारिता विभाग को भेजा जाएगा। वहीं जिला कलक्टर प्रकाश राजपुरोहित ने सहकारिता विभाग के उप रजिस्ट्रार हरीश सिवासिया से मामले की रिपोर्ट तलब की है। सिवासिया की जांच जारी है।
सहकारिता विभाग पहले ही कर चुका एरियर भुगतान के आदेश
सहकारिता विभाग के 23 जनवरी 2020 ही आदेश जारी कर कर्मचारियों के बकाए एरियर का लाभ 1 जनवरी 2014 से दिए जाने के आदेश कर चुका है। इसके बावजूद बैंक प्रबन्धन करीब एक साल से कर्मचारियों को करीब पौने दो करोड़ रुपए का बकाया एरियर के भुगतान पर कुंडली मारे बैठा है। जबकि सेंट्रल कोपरेटिव बैंक 1 करोड़ 35 लाख रूपए के मुनाफे में चल रहा है। बोर्ड बैठक के नाम पर एक बार फिर मामले को लटकाने की तैयारी की जा रही है।
कृषि एक मुश्त समझौता योजना में 2 वर्ष एवं एक प्रतिशत की बड़ी अतिरिक्त राहत
सीसीबी बैंक
अजमेर.अजमेर सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक के ऐसे कृषि/ अकृषि ऋ णी जिनके ऋ ण खाते 31 मार्च 2017 को अवधिपार व 31 मार्च 2020 को एनपीए हो चुके हैं वे एक मुश्त समझौता योजना का लाभ ले सकते हैं। जिसमे प्रथम अवधिपार दिनांक को बकाया मूल मय ब्याज को जोड़कर जो राशि बनती है उस राशि पर प्रथम अवधिपार दिनांक से ऋ ण चुकाने की दिनांक तक 8 प्रतिशत साधारण ब्याज मय मूल के देना होगा। इसमें पैनल ब्याज भी नही देना होगा। इस योजना में पत्रताधारक ऋ णियों को बैंक में जाकर योजना का सहमति देनी होगी। कुल जमा कराने वाली राशि की 25प्रतिशत राशि जमा करानी होगी। शेष राशि को किश्तों में 31 मार्च 2021 तक जमा कराया जा सकेगा। ये योजना 31 मार्च 2021 तक ही लागू है। बैंक द्वारा 16 दिसम्बर 2020 को पुरानी योजना के दो बिंदुओं में संशोधन जारी किया गया है। इसके आदेश बैंक के सभी शाखा प्रबन्धकों को जारी किए गए है।तारीख में अन्तरबैंक द्वारा दोनो संशोधनों में एनपीए दिनांक में विरोधाभास है। एक बिंदु में एनपीए 31 मार्च 2020 है तो दूसरी में 31 मार्च 2018 है।
Published on:
17 Dec 2020 09:54 pm
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