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बदले मौसम की फांस, फूलने लगी अस्थमा रोगियों की सांस

- मौसम में बदलाव व प्रदूषण के चलते बढ़ रही रोगियों की संख्या - जिला अस्पताल में रोज बड़ी संख्या में आ रहे श्वास रोगी इन दिनों मौसम में बदलाव व प्रदूषण के चलते अस्थमा (दमा) रोगियों की सांसे फूलने लगी हैं। जुकाम-खांसी होने के बाद अस्थमा की एलर्जी होने लगी है। इससे सांस लेने में तकलीफ हो रही है।

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अजमेर

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Dilip Sharma

Oct 09, 2022

India issues advisory for students planning to study in China

India issues advisory for students planning to study in China (Pic for Representation only)

धौलपुर. इन दिनों मौसम में बदलाव व प्रदूषण के चलते अस्थमा (दमा) रोगियों की सांसे फूलने लगी हैं। जुकाम-खांसी होने के बाद अस्थमा की एलर्जी होने लगी है। इससे सांस लेने में तकलीफ हो रही है। इससे सामान्य दिनों की अपेक्षा इन दिनों अस्पताल पहुंचने वाले श्वास रोगियों की संख्या भी बढ़ गई है। यहां जिला अस्पताल में ही सांस सम्बंधी समस्या के चलते हर रोज दर्जनों मरीज पहुंच रहे हैं। इन दिनों करीब डेढ़ हजार मरीज ओपीडी में पहुंच रहे हैं। इनमें लगभग 10 फीसदी मरीज सांस सम्बंधी शिकायत लेकर पहुंच रहे हैं। हालांकि यह जानलेवा बीमारी नहीं है, लेकिन उपचार में लापरवाही बरतना स्वास्थ्य के साथ खिलावाड़ है।

एलर्जी है तो बचकर रहें

चिकित्सकों का कहना है कि इन दिनों मौसम में बदलाव का रुख बना हुआ है। कभी हवाएं चल रही हैं, तो कभी उमस और गर्मी रहने लगी है। अस्थमा रोगियों को मौसम में बदलाव के समय एलर्जी शुरू हो जाती है। इसके अलावा त्योहारी सीजन होने से घर, दुकानों पर रंगाई, पुताई, साफ-सफाई का दौर शुरू हो गया है। धूल-मिट्टी, धुआं और खुशबू व किसी तरह की गंध आदि से एलर्जी वाले मरीजों को जुकाम और खांसी के साथ सांस लेने में तकलीफ शुरू हो जाती है। अक्सर प्रतिवर्ष इन दिनों में दमा रोगियों का मर्ज बढ़ जाता है। उन्हें चिकित्सा परामर्श और उपचार की आवश्यकता रहती है।

कूलर, पंखे की हवा से करें बचाव

इन दिनों दमा के मरीजों को सतर्क रहने की जरूरत है। उन्हें सीधे पंखे के नीचे नहीं सोना चाहिए। पंखे के नीचे सोने की आवश्यकता रहती है तो भोर के समय में पंखा बंद कर देना चाहिए। तडक़े मौसम ठंडा रहने तथा इसी दौरान कूलर, पंखे की हवा लगने से पुरानी बीमारी उभरने की आशंका रहती है। वैसे यह बीमारी किसी भी उम्र के व्यक्ति को हो सकती है, लेकिन महिलाओं में 30-40 की उम्र के बाद ही समस्या शुरू हो जाती है। बच्चों व बुजुर्गों को भी इसकी शिकायत हो रही है। वहीं, लोगों को अलग-अलग चीज से एलर्जी होती है। व्यक्ति को खुद पहचान कर एलर्जी वाली चीज से बचना चाहिए।

इनका कहना है

इन दिनों में अस्थमा, एलर्जी वाले मरीजों की बीमारी हावी हो जाती है। श्वास नली सिकुड़ जाती है। एकदम जुकाम होकर सांस लेने में तकलीफ शुरू हो जाती है। वर्षभर विशेष तौर पर उपचार नहीं लेने वाले अस्थमा रोगियों का भी मर्ज बढ़ जाता है। इससे बचने के लिए रोगियों को ठंडा पानी पीना बंद कर देना चाहिए। पूरी आस्तीन के कपड़े पहने, बाजार व भीड़-भाड़ वाली जगह जाने से बचे। जाना हो तो मास्क जरूर लगाए। एलर्जी वाले मरीज घर, दुकानों पर सफाई करने बचें। तकलीफ होने पर विशेषज्ञ चिकित्सकों से परामर्श लेना चाहिए।

- डॉ. समरवीर सिंह सिकरवार, पीएमओ, जिला अस्पताल धौलपुर