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समान नागरिक संहिता से सरहदों की सुरक्षा में बदला ‘मिशनÓ

locationअजमेरPublished: Sep 12, 2019 03:41:36 pm

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-एक वर्ष में संघ तब और अब एक नजर

समान नागरिक संहिता से सरहदों की सुरक्षा में बदला 'मिशनÓ

समान नागरिक संहिता से सरहदों की सुरक्षा में बदला ‘मिशनÓ

चन्द्रप्रकाश जोशी

अजमेर (Ajmsr).
एक अनुशासित संगठन के रूप में अपनी पहचान रखने वाला राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (Rss)हर कार्य को एक ‘मिशनÓ के रूप में लेता रहा है। इसके लिए संघ के सभी प्रकल्पों की वर्ष में एक बार समन्वय बैठक होती है जिसमें देश के ज्वलंत मुद्दों एवं सम सामयिक घटनाओं व विचारणीय मुद्दों पर चर्चा कर आगामी एक साल के लिए प्राथमिकताएं तय की जाती हैं। इन प्राथमिकताओं पर मिशन के रूप में कार्य किया जाता है। कुछ कार्य संगठनों के माध्यम से तो कुछ कार्य सरकार के माध्यम से भी तय होते हैं। इसमें सरकार का कोई नुमाइंदा तो नहीं होता लेकिन भाजपा (Bjp) के राष्ट्रीय अध्यक्ष या फिर संगठन मंत्रियों के माध्यम से उन्हें अंजाम तक पहुंचाने का कार्य किया जाता है। पिछले वर्ष आंध्रप्रदेश के मंत्रालयम् (Mantralayam) में हुई बैठक में अन्य विचारणीय मुद्दों के साथ समान नागरिक संहिता प्रमुख मुद्दा था जिस पर मोहर लगाई गई थी। वहीं इस बार तीर्थनगरी पुष्कर(Pushkar) में हुई संघ के विभिन्न प्रकल्पों की बैठक में जनजातियों में सांस्कृतिक राष्ट्रवाद, माओवाद व नक्सलवाद सहित देश की सीमाओं की सुरक्षा का मुद्दा प्रमुख रहा। माओवाद व नक्सलवाद से समझा जा सकता है कि संघ के लिए इस बार पं. बंगाल में चुनाव एक प्रमुख मिशन के तौर पर शामिल रहेगा।
तब: सितम्बर 2018- स्थान: मंत्रालयम् (आंध्रप्रदेश)

बैठक में इन मुद्दों पर लगी मुहर
1. पर्यावरण एवं जल संकट

2. महिलाओं का सशक्तीकरण
3. युवाओं (Yuth)की भागीदारी बढ़ाना

4. समान नागरिक संहिता

वर्षभर में यह हुए कार्य-
-पर्यावरण एवं जल संकट के लिए जलस्रोतों की सफाई, पेड़-पौधे लगाना, स्वच्छ भारत मिशन पर कार्य।
-जोजक संस्था की ओर से 700 महिलाओं समूह की ओर से सर्वे हुआ। राष्ट्रसेविका समिति के पथसंचलन, प्रशिक्षण कार्यक्रम।
-युवाओं की भागीदारी बढ़ाने के लिए कॉलेज, स्कूली किशोरों को संघ से जोडऩा, अभाविप के माध्यम से सदस्यता अभियान, भाजपा की ओर से युवाओं की प्राथमिक सदस्यता बढ़ाना, राजनीति क्षेत्र में भी आगे बढ़ाने पर काम किया।
-समान नागरिक संहिता के तहत जम्मू कश्मीर में अनुच्छेद 370, 35 ए हटाने का महत्वपूर्ण निर्णय।
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अब: सितम्बर 2019- स्थान: पुष्कर (राजस्थान)
1. देश की सीमाओं की सुरक्षा

2. प्लास्टिक (Plastik) उपयोग कम, पेड़ लगाना
3. नक्सलवाद, माओवाद को रोकना
4. जनजातियों में सांस्कृतिक राष्ट्रवाद
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वर्षभर यह होंगे कार्य-
-देश की सीमाओं की सुरक्षा के लिए संघ के सभी 35 संगठनों की ओर से सीमावर्ती लोगों में जागरूकता बढ़ाएंगे, स्वास्थ्य, शिक्षा एवं इंन्फ्रास्ट्रक्टर का विकास करवाएंगे।
-देशभर की प्रत्येक शाखा व आसपास के क्षेत्र में प्लास्टिक उपयोग कम करने के प्रति जागरूकता, पेड़ (पौधे) (Plant)लगाने की गतिविधियां की जाएंगी।
-नक्सलवाद, माओवाद प्रभावित क्षेत्रों में हिंसात्मक घटनाएं रोकने का प्रयास, यहां की जनजातियों को सामान्य लोगों से जोडऩे के प्रयास होंगे।
-देश में जन जातियों की करीब 8 करोड़ की जनसंख्या (Populatian)में सांस्कृतिक राष्ट्रवाद के लिए खास कार्य होंगे।

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