ब्यावर शहर के जिला परिवहन कार्यालय से करीब तीन हजार छह सौ से अधिक वाहन सीएनजी एवं एलपीजी किट से पंजीकृत हो रखे हैं। इनमें करीब 175 ऑटो के अलावा साढ़े तीन हजार के करीब कार सहित अन्य वाहन है, जबकि ब्यावर के आस-पास पचास किलोमीटर तक पंजीकृत एलपीजी या सीएनजी पम्प नहीं है। ऐसे में अधिकांश वाहन अवैध रिफलिंग के भरोसे ही चल रहे हैं। अवैध रिफलिंग के दौरान आगजनी की घटना होने के बावजूद इन पर अंकुश नहीं लग पा रहा है।
जिला परिवहन कार्यालय में सीएनजी एवं एलपीजी किट लगे करीब तीन हजार छह से अधिक वाहन पंजीकृत हो रखे हैं। इनमें कम्पनी फिटेड आने वाले ऑटो की संख्या 175 है, जबकि करीब साढ़े तीन हजार से अधिक वाहन कार सहित अन्य शामिल है। इन वाहनों की संख्या में इजाफा होता जा रहा है, जबकि ब्यावर सहित आस-पास के क्षेत्र में सीएनजी एवं एलपीजी पम्पिंग स्टेशन की सुविधा ही नहीं है।
अजमेर में हैं सुविधा-
गैस पम्पिंग स्टेशन की सुविधा अजमेर शहर में है। ब्यावर में चलने वाले वाहनों में गैस भरवाने के लिए अजमेर जाना आसान नहीं है, जबकि उदयपुर मार्ग पर भीम कस्बे तक इस तरह की सुविधा नहीं है। ऐसी ही स्थिति जोधपुर, बिजयनगर, मेड़ता सहित अन्य मार्गों की भी है। ऐसे में सीएनजी या एलपीजी किट लगे वाहनों में ईंधन भरवाने के लिए खासी परेशानी होती है।
एलपीजी व सीएनजी गैस किट तो वाहनों में है। इसका पम्पिंग स्टेशन नहीं होने से अवैध रिफलिंग का कारोबार पनप रहा है। अवैध रिफलिंग करते समय पूर्व में एक वैन में आग लग चुकी है। इसके बावजूद इस कारोबार पर कोई असर नहीं हुआ है। शहर की आबादी क्षेत्र में भी अवैध गैस रिफलिंग का काम धड़ल्ले से हो रहा है।