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स्टूडेंट्स के लिए खास-गड़बड़ है आपकी लैंग्वेज, तो यूं कर सकते हैं सुधार

locationअजमेरPublished: Jan 05, 2018 07:49:00 am

Submitted by:

raktim tiwari

कई भाषाओं की प्राचीन बोलियां भी लुप्त हो रही हैं। लिहाजा कॉलेज शिक्षा विभाग ने विद्यार्थियों संरक्षित करने का बीड़ा उठाया है।

special language labs in college

special language labs in college

अजमेर।

विद्यार्थियों में भाषा दक्षता बढ़ाने के लिए प्रदेश के सरकारी कॉलेज में लैंग्वेज लैब की स्थापना होगी। इसमें हिंदी और अंग्रेजी भाषा के अलावा संस्कृत, राजस्थानी और उर्दू भाषा को शामिल किया जाएगा। इससे भाषाओं के अलावा इनसे जुड़ी बोलियों का संरक्षण होगा जिनकी कोई निर्धारित लिपि नहीं है।
ग्रामीण के अलावा शहरी क्षेत्र के कई विद्यार्थियों को हिंदी-अंग्रेजी भाषा को समझने, बोलने और लिखने में परेशानी होती है। खासतौर पर सरकारी और निजी कम्पनियों में साक्षात्कार, प्रतियोगिता परीक्षाओं में भाषा ज्ञान, व्याकरण और अन्य कमियों से पिछड़ते हैं। यही हाल संस्कृत, राजस्थानी और उर्दू भाषा का है। यह सभी भाषाएं परस्पर बातचीत, लेखन का माध्यम हैं। कई भाषाओं की प्राचीन बोलियां भी लुप्त हो रही हैं। लिहाजा कॉलेज शिक्षा विभाग ने विद्यार्थियों संरक्षित करने का बीड़ा उठाया है।
यूं बनेगी लैंग्वेज लैब
कॉलेज शिक्षा निदेशालय ने राज्य के सभी सरकारी कॉलेज में लैंग्वेज लैब स्थापित करने का निर्णय लिया गया है। कॉलेज में लैंग्वेज लैब खोली जाएगी। इसके तहत विद्यार्थियों में हिन्दी और अंग्रेजी भाषा दक्षता पर विशेष जोर रहेगा। इसमें संस्कृत, राजस्थानी और उर्दू भाषा को शामिल किया जाएगा। सभी कॉलेज में एक समिति का गठन किया जाएगा। संबंधित भाषाओं के वरिष्ठ व्याख्याता अथवा प्राचार्य समिति के समन्वयक होंगे।
विद्यार्थी भी होंगे सदस्य

लैंग्वेज लैब से जुड़ी समिति में प्रत्येक भाषा विभाग से एक व्याख्याता को सदस्य बनाया जाएगा। इसके बाद बनने वाले उप समूह में भाषा विभाग के सभी व्याख्याता और स्नातकोत्तर स्तर के विद्यार्थी सदस्य होंगे। स्नातक स्तरीय विद्यार्थियों की सदस्यता का निर्णय कॉलेज स्तर पर होगा।
इन कार्यक्रमों का होगा आयोजन
-स्नातकोत्तर स्तर के विद्यार्थियों के साथ प्रतिमाह दो बार साहित्यिक संवाद

-प्रतिमाह दो बार अन्तर भाषा संगोष्ठी और अन्तर भाषा संवाद कार्यक्रम
-लैंग्वेज क्लब के माध्यम से अंग्रेजी भाष विकास से जुड़े कार्यक्रम
-स्थानीय, प्रादेशिक अथवा राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता

-विद्यार्थियों के लिए लेखन, संवाद प्रतियोगिता
-अन्तर महाविद्यालय संवाद और अन्य कार्यक्रम

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