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8 साल बाद 40 एमएलडी एसटीपी का निर्माण होगा पूरा

संचालन के लिए बिजली का उत्पादन भी होगा एडीए की चेतावनी के बाद शुरु हुआ काम 2013 में ही तैयार होना था एसटीपी

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भूपेन्द्र सिंह

अजमेर. जेएनएनयूआरएम के तहत खानपुरा में अधूरे पड़े 40 एमएलडी सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) का निर्माण कार्य फिर शुरु हो गया है। अजमेर विकास प्राधिकरण ने निर्माण फर्म को 25 अगस्त तक एसटीपी का निर्माण काम शुरु नहीं करने पर इसे रिस्क एंड कॉस्ट पर संचालित किए जाने की चेतावनी दे दी थी। प्लांट का सिविल वर्क 95 फीसदी पूरा हो चुका है। इलेक्ट्रोमैकेनिकल उपकरणों के प्रीक्योरमेंट कर लिया गया है। इरेक्शन का कार्य शेष है। इस एसटीपी की खासियत यह है कि इसके संचालन के लिए बिजली भी इसी प्लांट से बनाई जा सकेगी और इसी से 40 और 20 एमएलडी एसटीपी का संचालन किया जाएगा।

2011 में दिया गया था ठेका

40 एमएलडी एसटीपी निर्माण का ठेका 2011 में 30 करोड़ रुपए में दिया गया था। इसका निर्माण कार्य फरवरी 2013 में ही पूरा होना था। लेकिन ठेकेदार की आर्थिक हालत खराब होने के कारण निर्माण 2017 में बंद कर दिया गया। ठेकेदार ने अगस्त 2018 में काम शुरु कर दिया लेकिन 2019 में इसे फिर बंद कर दिया गया।

103.24 करोड़ रूपए खर्च

अजमेर-पुष्कर में स्वीकृत सीवरेज परियोजना के अनुसार 112.08 करोड़ की स्वीकृति जारी की गई थी। इसमें 90 फीसदी राशि यानि कि 100.87 करोड़ की राशि रूडसिको द्वारा एडीए को भिजवाई जानी थी लेकिन रूडसिको ने अब तक 85.55 करोड़ रूपए की राशि ही भेजी है। अब तक एडीए इस पर 103.24 करोड़ रूपए खर्च कर चुका है। अब तक रूडसिको ने प्राधिकरण को 15.32 करोड़ की राशि नहीं दी है। ठेकेदार को प्राधिकरण 22.59 करोड़ रूपए का भुगतान भी कर चुका है।

जहरीला पानी जा रहा खानपुरा तालाब में

खानपुरा स्थित 40 एमएलडी और 20 एमएलडी सीवर ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) एलीवेटेड स्लज प्रोजेस पर डिजाइन किए गए थे जिसमें सीवरेज के ट्रीटमेंट के बाद निकली गंदगी की बीओडी 30 तक आती है। सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड की गाइड लाइन के कारण उचित नहीं है। इसके लिए संवेदक को इस गंदगी की बॉयोलॉजिकल ऑक्सीजन डिमांड (बीओडी) 30 से घटाकर 10 बीओडी तक लाना था। 30 बीओडी में वायरस व ई-कोली होता है जो कि वातारण व पानी में रहने वाले जीव व मानव संरचना को नुकसान पहुंचा सकते हैं।

जहरीले पानी से उगाई जा रही हैं सब्जियां

बिना ट्रीट किए ही जहरीला पानी डाला जा रहा है खानपुरा तालाब मे। वर्तमान में बिना ट्रीटेड पानी से खानपुरा में सब्जियां उगाई जा रही हैं। जबकि इस पानी को ट्रीट कर सिंचाई के लिए काम में लिया जा सकता है।

नहीं बनाए जा सके दो एसआर

अमृत योजना के तहत खानपुरा स्थित 40 एमएलडी और 20 एमएलडी सीवर ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) का अपग्रेडेशन कर नई टेक्नोलॉजी के जरिए इनका संचालन करना था। लेकिन अपग्रेडेशन नहीं हो सका। इसके अलावा दो क्लीयर वाटर रिर्जववायर (सीडब्ल्यूआर) एवं दो एसआर भी बनाए जाने का प्रावधान था। इसके लिए ठेकेदार को ही टेक्नोलॉजी देनी थी। इसके लिए खानपुरा सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट में भूमि उपलब्ध है लेकिन दो सीडब्ल्यूआर एवं दो एसआर नहीं बनाए गए।

अब खर्च होंगे 7 करोड

इस कार्य को अमृत योजना की गाइड लाइन व सीआरएबी नियमों के अनुसार किया जाना था लेकिन इसे नहीं किया गया। यदि यह कार्य पुन: टेंडर कर किया जाता है तो राज्य सरकार को करीब 7 करोड़ रुपए अतिरिक्त खर्च करने पड़ेंगे।

20 एमएलडी का संचालन निगम के हाथ

खानपुरा 20 एमएलडी सीवर ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) का संचालन खुद नगर निगम ही कर रहा है। वही निगम के अभियंताओं का तक है कि 40 एमएलडी का निर्माण एडीए ने अभी तक पूर्ण नहीं हुआ है। इसके पूर्ण होने के बाद ही एसटीपी को नवीन टेक्नोलॉजी से अपग्रेडेशन किया जा सकेगा।

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