10 दिसंबर 2025,

बुधवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

corona impact: देरी से होंगे इंजीनियरिंग-मेडिकल कॉलेज में एडमिशन

प्रवेश परीक्षाओं के नतीजों के बाद ही होंगे प्रवेश।

2 min read
Google source verification
 medical college

engineering and medical college

अजमेर.

राज्य के इंजीनियरिंग और मेडिकल कॉलेज में इस बार अगस्त-सितंबर में ही प्रवेश शुरू हो सकेंगे। जेईई मेन और नीट परीक्षा के नतीजों के बाद ही ऑनलाइन पंजीयन और दाखिले दिए जाएंगे।

सरकार ने साल 2016 से राजस्थान इंजीनियरिंग एडमिशन प्रोसेस (रीप) के जरिए प्रथम वर्ष में प्रवेश देने की शुरुआत की है। इसमें जेईई मेन्स के प्राप्तांकों को प्रवेश की पात्रता माना गया है। सेंटर फॉर इलेक्ट्रॉनिक गवर्नेंस के तत्वावधान में राजस्थान अभियांत्रिकी प्रवेश प्रक्रिया अंजाम दी जाती है। इसमें बेचलर ऑफ इंजीनियरिंग, बेचलर ऑफ आर्कियोलॉजी और बेचलर ऑफ टेक्नोलॉजी पाठ्यक्रमों में प्रवेश दिए जाते हैं।

सभी सरकारी, स्वायत्तशासी, अनुदानित और सेल्फ फाइनेंसिंग स्कीम में संचालित इंजीनियरिंग कॉलेज में विद्यार्थियों के प्रवेश होते हैं। इसी तरह मेडिकल और डेंटल कॉलेज में नीट परीक्षा के नतीजे के आधार प्रवेश दिए जते हैं।

जुलाई में होंगी दोनों परीक्षाएं
कोरोना संक्रमण और लॉकडाउन के चलते इस बार जेईई मेन द्वितीय चरण और नीट परीक्षा में विलंब हुआ है। जेईई मेन परीक्ष: 18 से 23 जुलाई और नीट 26 जुलाई को होगी। इन परीक्षाओं के नतीजे अगस्त में जारी होंगे। नतीजों के अनुरूप विद्यार्थियों को इंजीनियरिंग में बी.टेक/बी.आर्क और मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस-डेंटल कोर्स में प्रवेश मिलेंगे।

Read More: Patrika lock down diaries: ऑनलाइन पढ़ाई के साथ लिखने-पढऩे का समय

देने पड़ सकते हैं सीधे प्रवेश
इंजीनियरिंग, मेडिकल, लॉ, पॉलीटेक्निक, आईआईटी, एनआईटी संस्थान प्रतिवर्ष सीट खाली होने पर सूचना/विज्ञापन जारी कर विद्यार्थियों को सीधे प्रवेश देते हैं। इसमें प्रवेश परीक्षाओं के अलावा उनके बारहवीं के अंकों-वरीयता जैसे पैमाने होते हैं। मालूम हो कि राज्य के इंजीनियरिंग कॉलेज में हर साल सीट खाली रहती हैं। इस बार विद्यार्थी नीट-जेईई मेन और अन्य परीक्षा में कम बैठे तो सीट भरने के लिए सीधे प्रवेश देने पड़ेंगे।

Read More:Covid-19 : गर्भवती महिलाओं को नहीं घबराने की जरूरत

प्रिंसिपल पर लगाया कोरोना ने लगाया ब्रेक, आसान नहीं ये काम

रक्तिम तिवारी/अजमेर. राज्य में अजमेर सहित अन्य इंजीनियरिंग कॉलेज में स्थाई प्राचार्यों की नियुक्ति मुश्किल है। कोरोना संक्रमण और लॉकडाउन के कारण साक्षात्कार होने आसान नहीं हैं। सत्र 2020-21 में भी कार्यवाहक प्राचार्यों के भरोसे ही कॉलेज चलेंगे।

अजमेर, भरतपुर, बारां, झालावाड़ और अन्य इंजीनियरिंग कॉलेज में स्थाई प्राचार्यों की नियुक्ति के लिए तकनीकी शिक्षा विभाग ने फरवरी-मार्च में ऑनलाइन आवेदन मांगे थे। विभाग ने आवेदनों की छंटनी भी कर ली। लॉकडाउन और कोरोना संक्रमण के चलते साक्षात्कार नहीं हो सके।

स्थिति सामान्य होने पर साक्षात्कार
जयपुर, अजमेर, जोधपुर, उदयपुर सहित कई जिलों में कोरोना संक्रमण फैला हुआ है। सरकार की पहली प्राथमिकता कोरोना संक्रमितों का उपचार और शहरों की स्थिति सामान्य करना है। रेल, सडक़ और हवाई यातायात भी बंद है। फिलहाल सोशल डिस्टेंसिंग भी अहम है। प्राचार्य पद के लिए आवेदन करने वालों के साक्षात्कार स्थिति सामान्य होने पर ही कराए जा सकते हैं।