सवाल: अजमेर में कोरोना के केस बढऩे का क्या कारण है? जवाब: मुझे लगता है कि तमाम सरकारी प्रयासों के बावजूद कई लोग ऐसे हैं जो सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान नहीं रख रहे हैं, लॉकडाउन के नियमों का पूरी तरह से पालना नहीं कर रहे हैं। ऐसे लोगों को यह समझना होगा कि उनकी इस लापरवाही का खामियाजा न केवल स्वयं को बल्कि परिवार, समाज, राज्य और देश को भुगतना पड़ सकता है।
जवाब: लॉक डाउन थ्री को छूट के नजरिए से नहीं देंखे, कोरोना खत्म होने पर ही घरों से बाहर निकलें, आगे बढ़ें। मास्क, सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें।
जवाब: कोई भी बीमारी हो डॉक्टर से परामर्श लें। कई लोग केमिस्ट से या परिचित से फोन कर मेडिकल दुकान से दवा ले लेते हैं, जो गलत है। मेहरबानी कर अपनी तकलीफों को चिकित्सक को बताएं।
जवाब: सरकार की गाइड लाइन के अनुसार गर्भवती महिलाओं के प्रसव से पूर्व कोरोना जांच करवाई जा रही है। गर्भवती महिलाओं को डरने की जरूरत नहीं है। वे डॉक्टर से मिलकर जांच करवाएं। कोरोना पॉजिटिव गर्भवती का प्रसव गायनिक डॉक्टर, एनेस्थेटिक डॉक्टर, नर्सिंगकर्मी, वॉर्डबॉय का प्रसव करवाया है, एक डॉक्टर कितना खतरा उठा रही हैं। किन परिस्थिति में डॉक्टर, नर्सिंगकर्मी काम कर रहे हैं, यह आपको सोचना पड़ेगा।
जवाब: नहीं, कोरोना संक्रमित गर्भवती महिला के प्रसव के बाद जन्म लेने वाले नवजात शिशु को कोई खतरा नहीं है। कोरोना ब्लड ट्रांसमिशन से नहीं होता है। यह डरने की नहीं समझने की जरूरत है।
जवाब: अगर सर्वे में ड्यूटी है तो लोगों से दूरी बनाए रखें, तेज आवाज में बोलकर जानकारी ले सकते हैं। मास्क लगाकर रखे, ग्लव्ज पहनकर रखें। घर पर आएं तो कपड़े बदलें-गर्म पानी में डालकर धोएं।
जवाब: जेएलएन अस्पताल की सभी व्यवस्थाओं सुचारू चल रही हैं। यूरोलॉजी विभाग में कैज्युल्टी चल रही है, सुपर स्पेशलिटी सेवाएं मानसिक रोग विभाग में संचालित हैं। सैटेलाइट हॉस्पिटल में ईएनटी स्किन, सहित चार विभाग संचालित हैं।