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Covid-19 : गर्भवती महिलाओं को नहीं घबराने की जरूरत

locationअजमेरPublished: May 10, 2020 02:00:43 pm

Ajmer News : जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज के अतिरिक्त प्राचार्य एवं मेडिसिन विभाग के आचार्य डॉ. संजीव माहेश्वरी ने कहा कि कोरोना का फिलहाल कोई इलाज उपलब्ध नहीं है। सिर्फ बचाव ही उपचार है।

Covid-19 : गर्भवती महिलाओं को नहीं घबराने की जरूरत

Covid-19 : गर्भवती महिलाओं को नहीं घबराने की जरूरत

अजमेर. जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज के अतिरिक्त प्राचार्य एवं मेडिसिन विभाग के आचार्य डॉ. संजीव माहेश्वरी ने कहा कि कोरोना (corona) का फिलहाल कोई इलाज उपलब्ध नहीं है। सिर्फ बचाव ही उपचार है। ऐसे में जो लोग समझाने के बावजूद सोशल डिस्टेंसिंग की पालना नहीं कर रहे हैं, मास्क नहीं लगा रहे हैं, बेवजह बाहर निकल रहे हैं उन्हें समझना होगा कि इसका परिणाम परिवार, समाज और राज्य को भुगतना पड़ सकता है। उन्होंने कहा कि कुछ ही समय हमें घरों में निकालना है, आगे का समय अच्छा है। डॉ. माहेश्वरी शनिवार को अजमेर पत्रिका (ajmer patrika) फेसबुक पेज पर लोगों से सीधे जुड़े और उनके सवालों के जवाब दिए।

सवाल: अजमेर में कोरोना के केस बढऩे का क्या कारण है?

जवाब: मुझे लगता है कि तमाम सरकारी प्रयासों के बावजूद कई लोग ऐसे हैं जो सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान नहीं रख रहे हैं, लॉकडाउन के नियमों का पूरी तरह से पालना नहीं कर रहे हैं। ऐसे लोगों को यह समझना होगा कि उनकी इस लापरवाही का खामियाजा न केवल स्वयं को बल्कि परिवार, समाज, राज्य और देश को भुगतना पड़ सकता है।
सवाल: लॉकडाउन में मिली रियायतों का लाभ किन सावधानियों के साथ उठाना होगा?
जवाब: लॉक डाउन थ्री को छूट के नजरिए से नहीं देंखे, कोरोना खत्म होने पर ही घरों से बाहर निकलें, आगे बढ़ें। मास्क, सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें।
सवाल: कोरोना के क्या लक्षण हैं, सर्दी, जुकाम खांसी हो तो क्या करें?
जवाब: कोई भी बीमारी हो डॉक्टर से परामर्श लें। कई लोग केमिस्ट से या परिचित से फोन कर मेडिकल दुकान से दवा ले लेते हैं, जो गलत है। मेहरबानी कर अपनी तकलीफों को चिकित्सक को बताएं।
सवाल: गर्भवती महिलाओं में कोरोना संक्रमण के बाद गर्भवती महिलाएं डरने लगी हैं, ऐसी स्थिति में वे क्या करें?
जवाब: सरकार की गाइड लाइन के अनुसार गर्भवती महिलाओं के प्रसव से पूर्व कोरोना जांच करवाई जा रही है। गर्भवती महिलाओं को डरने की जरूरत नहीं है। वे डॉक्टर से मिलकर जांच करवाएं। कोरोना पॉजिटिव गर्भवती का प्रसव गायनिक डॉक्टर, एनेस्थेटिक डॉक्टर, नर्सिंगकर्मी, वॉर्डबॉय का प्रसव करवाया है, एक डॉक्टर कितना खतरा उठा रही हैं। किन परिस्थिति में डॉक्टर, नर्सिंगकर्मी काम कर रहे हैं, यह आपको सोचना पड़ेगा।
सवाल: कोरोना संक्रमित गर्भवती महिला से होने वाले नवजात को कोई खतरा है?
जवाब: नहीं, कोरोना संक्रमित गर्भवती महिला के प्रसव के बाद जन्म लेने वाले नवजात शिशु को कोई खतरा नहीं है। कोरोना ब्लड ट्रांसमिशन से नहीं होता है। यह डरने की नहीं समझने की जरूरत है।
सवाल: घर से बाहर आते-जाते हैं, सर्वे में ड्यूटी है, क्या सावधानी रखें?
जवाब: अगर सर्वे में ड्यूटी है तो लोगों से दूरी बनाए रखें, तेज आवाज में बोलकर जानकारी ले सकते हैं। मास्क लगाकर रखे, ग्लव्ज पहनकर रखें। घर पर आएं तो कपड़े बदलें-गर्म पानी में डालकर धोएं।
सवाल: सामान्य व अन्य बीमारियों के लिए अस्पताल में क्या व्यवस्थाएं हैं?
जवाब: जेएलएन अस्पताल की सभी व्यवस्थाओं सुचारू चल रही हैं। यूरोलॉजी विभाग में कैज्युल्टी चल रही है, सुपर स्पेशलिटी सेवाएं मानसिक रोग विभाग में संचालित हैं। सैटेलाइट हॉस्पिटल में ईएनटी स्किन, सहित चार विभाग संचालित हैं।
कोरोना क्या किसी भी जंग को जीत सकते हैं अगर समर्पण का भाव हो

डॉ. माहेश्वरी ने कहा कि कोरोना क्या हम किसी भी जंग को जीत सकते हैं अगर मन में समर्पण व सम्मान का भाव हो। आज कोरोना से मां-बाप, भाई की मृत्यु होने पर बेटे-बेटी, पत्नी कोई भी शव ले जाने से डर रहे हैं। मगर एक डॉक्टर, नर्सिंगकर्मी, पैरामेडिकल स्टाफ, पुलिसकर्मी, वार्डबॉय में कितनी दिल गुर्दा है कि वह आपके परिवार के सदस्य का इलाज कर रहे हैं और अगर किसी की कोरोना से मौत भी हो गई तो शव का अंतिम संस्कार तक करवा रहे हैं। भारतीय संस्कृति के नजरिए से देखने की जरूरत है कि हर इंसान भगवान का रूप है। चिकित्सक, नर्सिंगकर्मी, पुलिस के जवाब, वार्डबॉय सभी का सम्मान करें।

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