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‘काले सोने के लिए खतरा है ज्यादा दिन कोहरा, गेहूं में होगा फायदा

locationअजमेरPublished: Jan 22, 2022 01:13:20 am

Submitted by:

Dilip Dilip Sharma

– प्रभावित होती है सरसों के पौधे की आंतरिक क्रियाएं – जिले में 80 हजार हेक्टेयर में बोई गई है सरसों – गेहूं में आता है अच्छा फुटाव, आलू में भी नुकसान की आशंका
कुदरत का कहर अच्छी फसल के सपने संजोए बैठे किसानों के अरमानों पर पानी फेर सकता है। दरअसल, जिले में लगातार पड़ रहे कोहरे के कारण काला सोना यानि सरसों को नुकसान की आशंका है।

'काले सोने के लिए खतरा है ज्यादा दिन कोहरा, गेहूं में होगा फायदा

‘काले सोने के लिए खतरा है ज्यादा दिन कोहरा, गेहूं में होगा फायदा

धौलपुर. कुदरत का कहर अच्छी फसल के सपने संजोए बैठे किसानों के अरमानों पर पानी फेर सकता है। दरअसल, जिले में लगातार पड़ रहे कोहरे के कारण काला सोना यानि सरसों को नुकसान की आशंका है। आलू में भी किसानों को नुकसान हो सकता है। वहीं, वर्तमान मौसम गेहूं के लिए फायदेमंद है। लेकिन, जिले में सर्वाधिक बुवाई सरसों की हुई है। गत वर्ष की अपेक्षा करीब 13 हजार हेक्टेयर अधिक कृषि भूमि पर सरसों बोई गई है। इस साल जिले में 79 हजार 500 हैक्टेयर में सरसों की बुवाई हुई है। जो कि कृषि विभाग की ओर से निर्धारित लक्ष्य से भी अधिक है। कृषि विशेषज्ञों के अनुसार थोड़े समय तक पडऩे वाले कोहरे का फसलों पर कोई विपरीत प्रभाव नहीं पड़ता लेकिन, कोहरा ज्यादा दिनों तक छाया रहता है तो उससे पौधे की आंतरिक क्रियाएं प्रभावित होने लगती हैं। यह घना कोहरा गेहूं की फसल के लिए बहुत फायदेमंद होता है। इससे फसल अच्छा फुटाव करती है।
फसल पर प्रतिकूल प्रभाव

मौसम में बदलाव की वजह से गिरते तापमान और कोहरे-पाले का रबी की फसलों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। इन दिनों मौसम को लेकर किसान चिंतित हैं। घने कोहरे और पाला पडऩे की आशंका प्रबल है। अगर ऐसे ही पारा गिरता रहा तो इसको सबसे ज्यादा असर रबी सीजन की दलहनी फसलों के साथ ही आलू पर पड़ेगा। तापमान कम होने से मटर, चना और आलू की फसलों पर पाला रोग का खतरा है।
सरसों की फसल पर कोहरे और पाले का पड़ता है असर

घने कोहरे और पाले के दौरान आलू की फसल के अलावा सरसों की फसल को भी नुकसान होता है। जबकि गेहूं पर इसका कोई असर नहीं होता। सरसों की फसल का फूल इस कोहरे और पाले में नष्ट हो जाता है। कृषि वैज्ञानिकों ने बताया कि कोहरे और पाले से सरसों की फसल बचाने के लिए खेत के पास धुआं करना चाहिए। इससे ठंड का असर कम होता है और फसल को सुरक्षित रखा जा सकता है। इस कोहरे और पाले से गेहूं की फसल को लाभ होता है। इस मौसम में गेहूं की फसल को नमी मिलती है।
ऐसे करें बचाव

उप निदेशक कृषि विस्तार विजय सिंह डागुर के अनुसार फिलहाल जिले में पाले जैसी स्थिति नहीं है। पाले से बचाव के लिए किसान एक हजार लीटर पानी में एक लीटर गंधक के तेजाब का छिड़काव करें। इससे फसल के आसपास के वातावरण का तापमान बढ़ जाता है। वहीं, खेत की उत्तर दिशा में अलाव जला कर धुआं करें। तापमान गिरने की वजह से फसलों में फफूंदजनित बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है, आलू की फसल में झुलसा की समस्या हो सकती है और सरसों में सफेद रोळी की समस्या हो सकती है। इससे बचाव के लिए मैंकोजेब कार्बेंडाजिम का छिड़काव कर फसलों को बचाया जा सकता है। यदि गेहूं की फसल में पीलापन आ जाए तो मौसम साफ होने पर तीन प्रतिशत यूरिया को पानी में घोलकर छिड़काव करना चाहिए।
रुक जाती है प्रकाश संश्लेषण प्रक्रिया

पौधे भूमि से पोषक तत्व व पानी लेकर अपनी पत्तियों या हरे भाग द्वारा निश्चित अवधि तक धूप मिलने पर हवा से कार्बन-डाइआक्साइड लेकर अपना मुख्य भोजन कार्बोहाइड्रेट, वसा, प्रोटीन, विटामिन आदि का निर्माण करते हैं। यह क्रिया प्रकाश संश्लेषण कहलाती हैं। ज्यादा दिनों तक कोहरा पडऩे से फसलों व पौधों की प्रकाश संश्लेषण प्रक्रिया बाधित होने लगती है, जिससे फसलों में हल्का पीलापन, कमजोर, कीट व रोग बढऩे से उत्पादन पर भी असर पडऩे की संभावना बढ़ जाती है।
ज्यादा दिन कोहरे से नुकसान

कोहरा लगातार कई दिनों तक छाया रहने और हवा में ज्यादा नमी से सरसों, आलू, धनिया आदि फसलों को नुकसान हो सकता है। क्योंकि इन फसलों में चेपा कीट व रतवा रोग, मटर में सफेद चूर्ण रोग व आलू में झुलसा रोग बढऩे की संभावना हो जाती है। कोहरा होने के कारण मधुमक्खियां फसलों पर नहीं पहुंच पाती हैं, जिसके कारण सरसों, मटर आदि फसलों में परागण ठीक से नहीं हो पाता है। इससे फलियों में दाने कम बनते हैं।
इनका कहना है
लगातार 15-20 दिन कोहरा फसलों के लिए हानिकारक है। फिलहाल ऐसी स्थिति नहीं है। किसान पाले से बचाव के उपाय कर सकते हैं।

– विजय सिंह डागुर, उप निदेशक कृषि विस्तार
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घने कोहरे में लिपटा रहा धौलपुर, दोपहर बाद दिखा सूरज
– गलनभरी सर्दी से लोगों को नहीं मिल रही राहत

धौलपुर. गलनभरी सर्दी से फिलहाल धौलपुरवासियों को राहत मिलती नहीं दिख रही है। शुक्रवार को भी दिनभर लोग गलन के कारण ठिठुरते रहे। वहीं, घने कोहरे की चादर ने भी धौलपुर को लपेटे रखा। शुक्रवार को पूरे दिन ही कोहरा छाया रहा। सुबह करीब 10-11 बजे तक को घना कोहरा रहा। सड़कों पर दृश्यता बमुश्किल 50 मीटर की रही। ऐसे में हाइवे व अन्य मार्गों पर गुजरने वाले वाहन चालकों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ा। मौसम विभाग के अनुसार पश्चिमी विक्षोभ के चलते धौलपुर 25 जनवरी तक घने कोहरे की आगोश में रहेगा। इसमें भी बड़ी बात यह है कि दो दिन तक बारिश और ओलावृष्टि जनजीवन को प्रभावित करेंगे। प्रदेश में दिन और रात के तापमान में फिर से उतार-चढाव देखने को मिल सकता है। उधर, कोहरे की अधिकता के चलते शुक्रवार दोपहर 12 बजे तक परिवहन व्यवस्था चरमराई रही। जिले में लोगों को गलनभरी सर्दी से राहत नहीं मिल रही है। गर्म कपड़ों में भी लोगों की कंपकंपी छूट रही है।

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