
dargah development work
अजमेर.
ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह क्षेत्र का विकास कार्य एक बार फिर अटक गया है। दरगाह क्षेत्र विकास कार्य के लिए तैयार की गई डीपीआर में नकल के साथ ही ढेरो खामियां आने पर अजमेर विकास प्राधिकरण (एडीए) ने इस पर कई सवाल उठाए हैं। डीपीआर बनाने वाली कम्पनी का भुगतान तो अटका ही है प्रशासन को डीपीआर तैयार कराने के लिए मशक्कत करनी होगी। ऐसे में इन कामों को शुरू होने में लम्बा वक्त लग सकता है।
फर्म ने किया प्रस्ताव तैयार
दरगाह क्षेत्र विकास के लिए स्वायत्त शासन विभाग ने फर्म मैसर्स डिजाइन प्लस को डीपीआर तैयार करने का ठेका 25 जुलाई 2013 को दिया था। दरगाह क्षेत्र विकास कार्य के तहत दरगाह के आसपास तथा कायड़ विश्रामस्थली में जायरीन की सुविधा के लिए कार्य होने थे। डीपीआर की इसकी मॉनिटरिंग एडीए को दी गई थी। फर्म को स्टेज वाइज विवरण प्रस्तुत करना था लेकिन फर्म ने कोई प्रमाण पत्र प्रस्तुत नहीं किया बल्कि 353 पृष्ठों की डीपीआर मेल कर दी। एडीए ने डीपीआर का परीक्षण किया तो डीपीआर में गंभीर तकनीकी खामियां सामने आई हैं। एडीए सचिव इन्द्रजीत सिंह ने डीपीआर को लेकर विस्तृत रिपोर्ट स्वायत शासन विभाग के निदेशक को भेजी है।
उपयोगिता सवालों के घेरे में
एडीए के अनुसार डीपीआर की उपयोगिता पूर्ववत सवालों के घेरे में है। प्रस्तुत डीपीआर में गंभीर तकनीकी खामियां है। फर्म द्वारा प्रस्तुत सभी तखमीने ओवर एस्टीमेटेड हैं यह तकनीकी एवं वित्तीय दृष्टि से उचित नहीं हैं। स्टेजवाइज वेरिफिकेशन रिपोर्ट किया जाना संभव नहीं है। डीपीआर में इलेक्ट्रिक लाइटिंग वर्क ऑफ दरगाह बाइपास रोड में 5 किमी की दूरी में 500 पोल लिए गए हैं। दूरी व पोलों की संख्या के हिसाब से हर 10 मीटर पर पोल लगाने का कार्य लिया गया है जो उचित नहीं है। लाइट फिक्चर्स 250 वाट के लिए गए हैं जबकि लैम्प 400 वाट के लिए गए हैं। तखमीने में लिए गए आइटम नम्बर 6 व 7 पूर्व में आइटम नम्बर 4 में सम्मिलित हैं जिन्हें अतिरिक्त रूप में लेकर तखमीने की राशि को बढ़ाया गया है।
सीपीडब्ल्यूडी की ड्राइंग की नकल
फर्म की डीपीआर में कायड़ विश्रामस्थली में जो कार्य लिए गए हैं वे कार्य केन्द्रीय लोक निर्माण विभाग (सीपीडब्ल्यूडी) द्वारा पूर्व में ही प्रस्तावित हैं। फर्म ने सीपीडब्ल्यूडी की ड्रांइग को डीपीआर में शामिल करते हुए इस ड्राइंग में प्रस्तावित कार्यों को डीपीआर में समाहित किया गया है। यह नकल की श्रेणी में आता है तथा एक ही कार्य दुबारा भुगतान की श्रेणी में आने से भुगतान योग्य प्रतीत नही होती।
Published on:
23 Apr 2019 07:44 am
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