दरगाह की सुरक्षा को लेकर दो दिन पहले जहां राष्ट्रीय सुरक्षा दल (एनएसजी) व आतंक निरोधी दस्ते (एटीएस) की टीम ने सुरक्षा की जांच की थी लेकिन सुरक्षा को लेकर स्थानीय प्रशासन कितना सतर्क है। इसका अंदाजा इससे लगा सकते है कि दरगाह के प्रवेशद्वार पर लगी आधी से ज्यादा मेटल डिटेक्टर मशीन लम्बे समय से खराब पड़ी है।ं यहां लगी अधिकांश मशीनें सिर्फ शो-पीस हैं। इसके अलावा दस साल पहले लाई गई एक्स-रे बैगेज मशीन लम्बे समय से कबाड़ में पड़ी है। मशीन का इस्तेमाल जायरीन के जूते चप्पल रखने का काम आ रही है।
कहां क्या हालात!
-दरगाह का मुख्य द्वार निजाम गेट पर दो मेटल डिटेक्टर मशीन लगी है लेकिन यहां सिर्फ एक मशीन काम कर रही है। -दरगाह के गेट नम्बर 2 बाबूल शरीफ गेट का मेटल डिटेक्टर लम्बे समय से खराब है।
-दरगाह के गेट नम्बर 3 लंगर खाने का मेटल डिटेक्टर भी बंद पड़ा है।
-दरगाह का मुख्य द्वार निजाम गेट पर दो मेटल डिटेक्टर मशीन लगी है लेकिन यहां सिर्फ एक मशीन काम कर रही है। -दरगाह के गेट नम्बर 2 बाबूल शरीफ गेट का मेटल डिटेक्टर लम्बे समय से खराब है।
-दरगाह के गेट नम्बर 3 लंगर खाने का मेटल डिटेक्टर भी बंद पड़ा है।
-दरगाह के गेट नम्बर 4 नम्बर गेट सरकी गेट का मेटल डिटेक्टर भी लम्बे समय से खराब पड़ा है
यहां है ठीक दरगाह के मुख्य द्वार समेत चार गेट के मेटल डिटेक्टर खराब पड़े हैं। वहीं सोलखम्बा और छतरी गेट पर लगाया गया मेटल डिटेक्टर ठीक है।
यहां है ठीक दरगाह के मुख्य द्वार समेत चार गेट के मेटल डिटेक्टर खराब पड़े हैं। वहीं सोलखम्बा और छतरी गेट पर लगाया गया मेटल डिटेक्टर ठीक है।