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भागवत कथा में सुनाया प्रहलाद चरित्र का वर्णन

पिता यदि कुमार्गगामी भी हो तो पुत्र का पहला कर्तव्य उससे सुमार्ग पर लाना: आचार्य सुशील शास्त्री बाड़ी की परशुराम कॉलोनी में श्रीमद् भागवत कथा का आयोजन किया जा रहा है। जिसमें कथा वक्ता सुशील शास्त्री द्वारा भागवत ज्ञान उपलब्ध कराया जा रहा है।

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अजमेर

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Dilip Sharma

Apr 25, 2022

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भागवत कथा में सुनाया प्रहलाद चरित्र का वर्णन,भागवत कथा में सुनाया प्रहलाद चरित्र का वर्णन

बाड़ी. बाड़ी की परशुराम कॉलोनी में श्रीमद् भागवत कथा का आयोजन किया जा रहा है। जिसमें कथा वक्ता सुशील शास्त्री द्वारा भागवत ज्ञान उपलब्ध कराया जा रहा है। रविवार को भागवत कथा के दौरान भक्त प्रहलाद चरित्र का वर्णन करते हुए कथावाचक सुशील शास्त्री ने बताया कि भागवत कथा में प्रहलाद चरित्र पुत्र एवं पिता के संबंध को प्रदर्शित करता है और बताता है कि यदि भक्त सच्चा हो तो विपरीत परिस्थितियां भी उसे भगवान की भक्ति से विमुख नहीं सकता। भयानक राक्षस प्रवृत्ति के हिरण्यकश्यप जैसे पिता को प्राप्त करने के बावजूद भी प्रह्लाद ने अपनी ईश्वर भक्ति नहीं छोड़ी और सच्चे अर्थों में कहा जाए तो प्रह्लाद द्वारा अपने पुत्र होने का दायित्व भी निभाया गया। शास्त्री ने कहा कि पुत्र का यह सर्वोपरि दायित्व है कि यदि उसका पिता कुमार्गगामी और दुष्ट प्रवृत्ति का हो तो उसे भी सुमार्ग पर लाने के लिए सदैव प्रयास करने चाहिएए प्रह्लाद ने बिना भय के हिरण्यकश्यप के यहां रहते हुए ईश्वर की सत्ता को स्वीकार किया और पिता को भी उसकी ओर आने के लिए प्रेरित किया। लेकिन राक्षस प्रवृत्ति के होने के चलते हिरण्यकश्यप प्रहलाद की बात को नहीं मानता। ऐसे में भगवान नरसिंह द्वारा उसका संघार हुआ उसके बाद भी प्रह्लाद ने अपने पुत्र धर्म का निर्वहन किया और अपने पिता की सद्गति के लिए ईश्वर से प्रार्थना की। गौरतलब है कि यह भागवत कथा 21 अप्रेल से आरंभ हुई है, जो 28 तक जारी रहेगी। भागवत कथा में परीक्षित सुशीला देवी काशीराम शर्मा को बनाया गया है। शास्त्री ने कहा कि पुत्र का यह सर्वोपरि दायित्व है कि यदि उसका पिता कुमार्गगामी और दुष्ट प्रवृत्ति का हो तो उसे भी सुमार्ग पर लाने के लिए सदैव प्रयास करने चाहिए