
चौबीस घंटे तक नहीं ली सुध... फिर देखा तो मिला मृत
अजमेर. पुष्कर बाइपास रोड स्थित निजी स्कूल में मंगलवार एक सफाईकर्मी विद्यालय के पोर्च में बने फाउंटेन (फव्वारे) में मृत पड़ा मिला। परिजन ने स्कूल प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए हत्या का शक जाहिर किया। सिविल लाइंस थाना पुलिस ने मेडिकल बोर्ड से पोस्टमार्टम के बाद शव परिजन को सुपुर्द किया। पुलिस ने सफाईकर्मी की संदिग्ध हालात में मृत्यु का मामला दर्ज किया है।
पुलिस के अनुसार पुष्कर बाइपास रोड स्थित संस्कृति द स्कूल में दोपहर पोर्च में बने फाउंटेन में सफाईकर्मी किशनगढ़ पाटनी भवन के पीछे रहने वाले दिलीप उर्फ पंडित (३२) पुत्र रतनलाल हरिजन का शव पड़ा मिला। सूचना पर सिविल लाइंस थानाप्रभारी नरेन्द्र कुमार घटनास्थल पर पहुंचे। उप अधीक्षक डॉ. प्रियंका ने भी पहुंचकर घटनास्थल का निरीक्षण किया। एमओबी व एफएसएल टीम ने घटनास्थल से खून व फाउंटेन के पानी के नमूने उठाए।
मुजावजे पर अड़े
घटना के बाद परिजन ने स्कूल प्रशासन पर लापरवाही का आरोप जड़ते हुए मुआवजे की मांग की। उन्होंने पुलिस को शव उठाने से रोक दिया। पांच की घंटे स्कूल प्रशासन, पुलिस अधिकारी और परिजन के बीच वार्ता के बाद अपराह्न सवा ४ बजे ३ लाख रुपए की आर्थिक सहायता व पत्नी मंजूदेवी को पेंशन का लिखित आश्वासन पर शव को उठाने दिया गया।
लापरवाही के आरोप
इधर सूचना मिलते ही मृतक की पत्नी मंजूदेवी, भाई महेश पंडित समेत कई रिश्तेदार पहुंचे। महेश ने हत्या का शक जाहिर करते हुए स्कूल प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाए। उसका कहना था कि सोमवार सुबह दिलीप जब किशनगढ़ के लिए रवाना हो रहा था तो उसको काम पर क्यों लगाया? उन्हें मंगलवार सुबह स्कूल में कार्यरत रिश्तेदार ने सूचना दी।
...औंधे मुंह पड़ा मिला
पुलिस के मुताबिक दिलीप सोमवार सुबह फाउंटेन की सफाई कर रहा था। वह मंगलवार सुबह फाउंटेन में औंधे मुंह पड़ा मिला। पोस्टमार्टम की प्रारंभिक रिपोर्ट में दिलीप के हाथ व पैर में चोट के निशान मिले हैं। संभवत: करंट का झटका लगने से दिलीप मुंह के बल फाउंटेन के बीच बने पॉट में मुंह के बल गिर गया। इसमें उसके सिर के पिछले हिस्से में चोट लग गई। पुलिस को उसके फेफड़ों में पानी मिला है। यानी फाउंटेन में गिरने के बाद दिलीप वापस नहीं उठ सका। पुलिस ने मृतक का विसरा सुरक्षित रखवाया है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही मृत्यु के कारण स्पष्ट हो सकेंगे।
फिर नजर नहीं आया
सूचना मिलते ही दिलीप के परिजन स्कूल पहुंचे गए। सफाईकर्मी महावीर ने बताया कि दिलीप सोमवार सुबह ११ बजे स्कूल पॉर्च में बने फाउंटेन की सफाई कर रहा था। इसके बाद वह नजर नहीं आया। उन्होंने दिलीप के किशनगढ़ जाना समझा। सुबह सहकर्मी प्रकाश फाउंटेन के पास गया तो दिलीप का शव नजर आया।
स्कूल में ही रहता था परिवार
दलीप अपने परिवार के साथ स्कूल परिसर में ही बने आवास में रहता था। उसकी पत्नी मंजूदेवी भी स्कूल में काम करती है। उसको दिलीप ने सोमवार को किशनगढ़ घर जाने की बात कही थी। ऐसे में उसे सोमवार रात घर नहीं लौटने पर दिलीप को नहीं तलाशा।
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सीसीटीवी की नजर से घटनास्थल
सोमवार सुबह ११.४८ बजे दिलीप स्कूल के सीसीटीवी कैमरे में फाउंटेन में उतरते हुए नजर आया। इस दरमियान और भी कई लोगों की आवाजाही है। सुबह ११.५६ मिनट पर एक युवक आया। वह फाउंटेन के बाहर से दिलीप को कुछ देने के बाद मुख्य बिल्डिंग में चला गया। दिलीप फिर से फाउंटेन में सफाई करने बैठ गया। इसके बाद वह फाउंटेन के बाहर नहीं निकला न ही फाउंटेन के आसपास नजर आया। मंगलवार सुबह साढ़े ९ बजे सफाईकर्मी प्रकाश पानी की बोतल देखकर फाउंटेन के पास गया। उसने दिलीप को फाउंटेन के भीतर औंधे मुंह पड़ा देखा। उसने अन्दर जाकर देखा तो दिलीप चित पड़ा था। फिर उसने स्कूल प्रबंधन को सूचना दी।
पोस्टमार्टम होगा खुलासा
सीसीटीवी फुटेज में सोमवार सुबह फाउंटेन में सफाई करने उतरा था। इसके बाद क्या हुआ यह अनुसंधान में स्पष्ट होगा। मृत्यु का कारण पोस्टमार्टम की रिपोर्ट आने के बाद खुलासा होगा। मुआवजे की मांग के चलते थोड़ी देरी हुई। स्कूल प्रशासन ने मुआवजा और पेंशन देने का आश्वासन दिया है। शव का मेडिकल बोर्ड से पोस्टमार्टम करवाया है।
-डॉ. प्रियंका, सीओ नॉर्थ
Published on:
24 Apr 2019 01:44 am
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