
देश की 25 लाख किलोमीटर सड़कों का डिजिटलीकरण
रमेश शर्मा
अजमेर अगर आप देश के किसी भी ग्रामीण सड़क, गांव या वहां उपलब्ध सुविधाओं, किसी गांव के उत्पादन, विशेषताओं और निवेश आदि के बारे में जानकारी लेना चाहते हैं तो अब एक क्लिक पर जानकारी उपलब्ध हो सकती है। ग्रामीण अर्थव्यवस्था में सुधार और जीवन यापन को सुगम बनाने के लिए देश की 25 लाख किलोमीटर सड़कों के साथ दस लाख से अधिक बस्तियों और वहां मौजूद सुविधाओं का डिजिटलीकरण किया गया है।
केंद्रीय ग्रामीण विकास और पंचायती राज विभाग ने ग्रामीण कनेक्टिविटी (rural connectivity) का डिजिटलीकरण digitization करते हुए जीआईएस डेटा पब्लिक डोमेन में जारी कर दिया है। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के लिए विकसित किए गए जीआईएस प्लेटफॉर्म का उपयोग करते हुए देश की 25 लाख किलोमीटर से अधिक लम्बाई की ग्रामीण सड़कों, दस लाख से अधिक बस्तियों और आठ लाख से अधिक ग्रामीण सुविधाओं का डिजिटलीकरण किया गया है। जीआईएस डेटा का अर्थ एक आधुनिक भू-सूचना मोबाइल प्रणाली है। इसमें कोई भी स्थान मानचित्र पर प्रदर्शित हो जाता है।
क्या होगा फायदा
सार्वजनिक क्षेत्र के लिए डेटा ऑनलाइन उपलब्ध होने से नए स्टार्टअप्स, उद्यमियों, व्यवसाइयों, शोधार्थियों, पर्यटकों और अन्य लोगों के लिए भी यह लाभकारी होगा। ग्रामीण क्षेत्र में उत्पादन, अनुसंधान, निवेश योजनाएं बनाने, सेवा वितरण में सुधार और आपदा प्रबंधन और इमरजेंसी सेवाओं में मदद मिल सकती है। डेटाबेस बनने से न केवल भविष्य की योजनाओं को तैयार करने में मदद मिलेगी वरन इसकी भी पूरी जानकारी रहेगी कि किस क्षेत्र की सड़कें अच्छी या खराब कंडीशन में हैं। इसकी रियल टाइम मॉनिटरिंग में भी सहायता मिलेगी। पूरी जानकारी अपलोड होने से पता चलेगा कि संबंधित क्षेत्रों में सड़क निर्माण कब हुआ या कब मरम्मत की गई।
भारत सरकार ने ओपन डेटा लाइसेंस के तहत मुफ्त सार्वजनिक इस्तेमाल के लिए यह डेटा जारी किया है। पीएमजीएसवाई ग्रामीण कनेक्टिविटी डेटा
https://geosadak-pmgsy.nic.in/OpenData
इस वेबसाइट पर उपलब्ध है।
Published on:
25 Feb 2022 06:58 am
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