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सरकार ने छोड़ा द्विव्यांग राजकुमार का ‘साथÓदो साल से बंद है सेलेब्रल पॉल्सी से पीडि़त द्विव्यांग की पेंशन

विधवा दादी के भरोसे बीत रहा द्विव्यांग का जीवन ना आधार कार्ड और वोटर कार्ड,बैंक खाता भी नहीं खुला

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भूपेन्द्र सिंह

अजमेर. कहते हैं जब मुसीबत आती है तो चारो तरफ से आती है। अपने भी साथ छोड़ देते हैं सरकार तो फिर 'सरकारÓ ही है। ऐसी ही एक कहानी है सेलेब्रल पॉल्सी रोग से पीडि़त 100 फीसदी दिव्यांग और अनाथ राजकुमार शर्मा की। करीब दस पहले मां ने छोड़ दिया। हाल ही कोरोना में पिता प्रेम प्रकाश का साया भी सिर से उठ गया। बोलन और चलने फिरने में असमर्थ यह द्विव्यांग अपनी बूढ़ी दादी के भरोसे रावत नगर फाय सागर रोड क्षेत्र में जैसे-तैसे जीवन गुजार रहा है। द्विव्यांग का नाम तो राजकुमार लेकिन दादी के अलावा उसका कोई सहारा नहीं है।

3 साल लगा रहे चक्कर

राजकुमार को मुख्यमंत्री विकलांग पेंशन योजना के तहत प्रतिमाह 750 रूपए पेंशन का भुगतान मनीऑर्डर के जरिए होता था। लेकिन वर्ष 2018 से मनीऑर्डर व्यवस्था बंद होने से पेंशन नहीं मिल पा रही है। इससे राजकुमार का जीवन निर्वाह संकट में चल रहा है। राजकुमार सेलीब्रल पॉल्सी रोड से पीडि़त है तथा 100 फीसदी द्विव्यांग है। इससे उसका आधार कार्ड और वोटर कार्ड नहीं बन पा रहा है। इसके अभाव में बैंक में खाता भी नहीं खुल पा रहा है। इससे उसे पेंशन नहीं मिल पा रही है। पिछले दो साल से द्विव्यांग की पेंशन चालू करवाने के लिए उसकी वृद्ध दादी दर-दर की ठोकरे खा रही है।

सीएम से लेकर कलक्टर तक लगाई गुहार

द्विव्यांग राजकुमार की दादी शीला ने पोते के गुजर बसर के लिए पेंशन पुन: चालू करवाने के लिए मुख्यमंत्री से लेकर जिला कलक्टर तक का दरवाजा खटखटाया। जिला कलक्टर के समक्ष द्विव्यांग बालक को लेकर भी पहुंची। सभी ने माना कि पेंशन मिलनी चाहिए लेकिन अब तक कोई भी पेंशन पुन: चालू नहीं करवा सका। ऐसे में बूढ़ी दादी की चंद रूपए की विधवा पेंशन ही दोनो का सहारा बनी हुई है वह भी कभी मिलती है तो कभी इंतजार ही करना पड़ता है।

दो बार टीम गई लेकिन कार्ड नही बना

जिला कलक्टर के निर्देश पर दो बार एनआईसी की टीम राजकुमार का आधार कार्ड बनाने के लिए उसके घर भी गई लेकिन आधार कार्ड नहीं बन सका। इससे द्विव्यांग व अनाथ बालक को जीवन निर्वाह में आर्थिक परेशानी भोगनी पड़ रही है।

सम्पर्क पर नहीं हुई सुनवाई

द्विव्यांग राजकुमार की दादी ने मुख्यमंत्री सम्पर्क पोर्टल के जरिए मामले की जानकारी सरकार तक पहुंचाते हुए मदद की गुहार लगाई लेकिन उसका परिवाद 06200858077503 को खारिज कर दिया गया। दादी शीला शर्मा की मांग है कि सरकार उसके दोहिते के पेंशन लिए पुन: पुरानी व्यवस्था को लागू कर दे क्योंकि वह अब बूढ़ी हो गई है स्वास्थ्य थी ठीक नहीं रहता। उसके सिवाय द्विव्यांग राजकुमार को कोई नहीं है।

सेरेब्रल पाल्सी यानी मस्तिष्क पक्षाघात

सेरेब्रल पाल्सी एक ऐसी खतरनाक बीमारी होती है जिसमें बीमारी क्रमश: बढ़ती है और पहले 3 सालों में मस्तिष्क को होने वाले नुकसान की वजह से शरीर की मांसपेशियां कमजोर पड़ जाती हैं और आगे मस्तिष्क से शरीर का सामंजस्य नहीं बैठ पाता है, नतीजा शरीर में अपंगता बढ़ती जाती है।

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