www.patrika.com/rajasthan-news
अजमेर.
प्रदेश के सम्भाग मुख्यालयों के कॉलेज में शाम को कक्षाएं लगाने की योजना कागजों में दफन हो गई है। ना विद्यार्थियों और ना कॉलेज ने इसमें रुचि दिखाई। कॉलेज शिक्षा निदेशालय भी अब इस योजना को भुला चुका है।
पिछली भाजपा सरकार ने निजी अथवा सरकारी नौकरी, व्यवसाय और विभिन्न कारणों से पढ़ाई से वंचित विद्यार्थियों को नियमित प्रवेश देकर पढ़ाने की योजना बनाई थी। अजमेर के सम्राट पृथ्वीराज चौहान राजकीय महाविद्यालय सहित, कोटा, जयपुर, जोधपुर, भरतपुर, बीकानेर और उदयपुर संभाग मुख्यालय के कॉलेज में सेल्फ फाइनेंसिंग योजनान्तर्गत शाम को कक्षाएं प्रारंभ करना तय हुआ। तीसरा सत्र बीतने को है, पर योजना का अता-पता नहीं है।
ये हुआ योजना का हश्र
कॉलेज शिक्षा निदेशालय ने सत्र 2016-17 में कला संकाय में मेरिट के आधार पर प्रथम 100 विद्यार्थियों के लिए प्रवेश योग्यता रखी। विद्यार्थियों से कॉलेज फीस के अतिरिक्त 10 हजार रुपए अतिरिक्त लेना तय हुआ। साथ ही कुछ खास विषयों में शाम 5 से रात्रि 9 बजे तक कक्षाएं लगाना तय हुआ। कुछ कॉलेज ने मेरिट के आधार पर विद्यार्थियों की सूची लगाई, लेकिन कोई प्रत्युत्तर नहीं मिला। विद्यार्थियों ने दस हजार रुपए देकर कक्षाओं में बैठने की योजना को सिरे से नकार दिया। सत्र 2017-18 और 2018-19 में तो निदेशालय ने फिर आदेश ही जारी नहीं किए।
पहले भी कई योजनाएं फेल (दस साल में)
-75 फीसदी से ज्यादा उपस्थिति पर परीक्षा में 5 अतिरिक्त अंक
-सभी कॉलेज में मिलिट्री साइंस पाठ्यक्रम की शुरुआत
-कैट और लघु सर्टिफिकेट पाठ्यक्रमों की शुरुआत
-इंग्लिश स्पोकन लैब और जेनपेक्ट सेंटर
-कॉलेज में हाइटेक कम्प्यूटर लेब और फैसेलिटी सेंटर