
exams and admissions
अजमेर.
सरकारी-निजी कॉलेज सहित महर्षि दयानंद सरस्वती विश्वविद्यालय को सत्र 2020-21 की सालाना परीक्षाएं और नए सत्र की प्रवेश प्रक्रिया साथ-साथ चलानी पड़ सकती है। कोरोना संक्रमण और कफ्र्य के चलते हालात ऐसे बने हैं। पिछले साल की तरह दाखिलों की प्रक्रिया जून से सितंबर तक चलने के आसार हैं।
विश्वविद्यालय में इतिहास, राजनीति विज्ञान, अर्थशास्त्र, जनसंख्या अध्ययन, रिमोट सेंसिंग, पर्यावरण विज्ञान, कम्प्यूटर, प्योर एन्ड एप्लाइड केमिस्ट्री, कॉमर्स, पत्रकारिता एवं जनसंचार, पुस्तकालय विज्ञान, योग, खाद्य एवं पोषण, विधि, हिन्दी और अन्य कोर्स संचालित है। इसी तरह सरकारी और निजी कॉलेज में कला, वाणिज्य औ विज्ञान संकाय के स्नातक और स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम चलते हैं।
अभी बाकी हैं परीक्षाएं-प्रेक्टिकल
महर्षि दयानंद सरस्वती विश्वविद्यालय और इसके सम्बद्ध कॉलेज में सत्र 2020-21 की सेमेस्टर/ सालाना परीक्षाएं और प्रेक्टिकल बाकी हैं। इनमें 3.50 लाख विद्यार्थी शामिल होने हैं। विश्वविद्यालय ने सालाना परीक्षाओं के ऑनलाइन फॉर्म भी नहीं भरवाए हैं। कोरोना संक्रमण फैलने और राज्य व्यापी कफ्र्यू के चलते हालात विकट हैं। ऐसे में फॉर्म भरवाना और परीक्षाओं का आयोजन आसान नहीं है।
कॉलेज को करने होंगे कई काम
इस बार कॉलेज को कई काम एकसाथ करने होंगे। इसके तहत सालाना परीक्षा फॉर्म की हार्ड कॉपी जमा कराने, प्रेक्टिक कराने और परीक्षाओं के आयोजन सहित सत्र 2021-22 की प्रवेश प्रक्रिया को अंजाम देना होगा। साल 2020 में लॉकडाउन से पहले परीक्षाएं शुरू हो गई थीं। बाद में तृतीय वर्ष और स्नातकोत्तर उत्तर्राद्र्ध की परीक्षाएं सितंबर-अक्टूबर तक कराई गई थीं।
कहां कितने विद्यार्थी अध्ययनरत
सम्राट पृथ्वीराज चौहान राजकीय महाविद्यालय-8500
दयानंद कॉलेज-2500
सोफिया कॉलेज-2500
राजकीय कन्या महाविद्यालय-3 हजार
श्रमजीवी कॉलेज-150
मदस विश्वविद्यालय-1100
आपस में उलझी हैं यूनिवर्सिटी, कॉमन सिलेबस बनना मुश्किल
अजमेर. राज्य के विश्वविद्यालयों में साल 2021 में भी कॉमन सिलेबस बनना मुश्किल है। दरअसल कई विश्वविद्यालयों में बोर्ड ऑफ स्टडीज का कार्यकाल खत्म हो चुका है। इसके अलावा सिलेबस बनाने और उसके अनुसार किताबें उपलब्ध कराना भी आसान नहीं है।
राजभवन राज्य के 28 सरकारी विश्वविद्यालयों में कॉमन सिलेबस लागू करने का पक्षधर है। इनमें स्नातक और स्नातकोत्तर स्तर के लॉ, कला, वाणिज्य, विज्ञान, ललित कला, प्रबंधन, सामाजिक विज्ञान संकाय से जुड़े सिलेबस शामिल हैं। नियमानुसार विश्वविद्यालय की पाठ्यचर्या समिति (बोर्ड ऑफ स्टडीज) विषयवार पाठ्यक्रम तैयार करती हैं। समितियों में विभिन्न कॉलेज और यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर, रीडर और विशेषज्ञ शामिल किए जाते हैं।
Published on:
02 May 2021 09:04 am
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