25 हजार परीक्षक जुटाना बड़ी चुनौती
दरअसल बोर्ड परीक्षाओं की लगभग सवा करोड़ उत्तरपुस्तिकाओं को जंचवाने के लिए सरकारी विद्यालयों के लगभग 25 हजार व्याख्याताओं की सेवाएं लेता है। बोर्ड परीक्षकों को प्रति उत्तरपुस्तिका 14 रुपए मानदेय देता है। लेकिन संवीक्षा के तहत उत्तरपुस्तिकाओं की प्रतिलिपि विद्यार्थियों को उपलब्ध कराने और गलती रह जाने पर बोर्ड द्वारा जवाब-तलब करने की वजह से अधिकांश व्याख्याता बोर्ड की कॉपियां जांचने में रुचि नहीं दिखाते। राज्य सरकार द्वारा बाकायदा आदेश जारी कर सरकारी व्याख्याताओं को परीक्षा की उत्तरपुस्तिकाएं जांचने के लिए पाबंद किया जाता है।
दरअसल बोर्ड परीक्षाओं की लगभग सवा करोड़ उत्तरपुस्तिकाओं को जंचवाने के लिए सरकारी विद्यालयों के लगभग 25 हजार व्याख्याताओं की सेवाएं लेता है। बोर्ड परीक्षकों को प्रति उत्तरपुस्तिका 14 रुपए मानदेय देता है। लेकिन संवीक्षा के तहत उत्तरपुस्तिकाओं की प्रतिलिपि विद्यार्थियों को उपलब्ध कराने और गलती रह जाने पर बोर्ड द्वारा जवाब-तलब करने की वजह से अधिकांश व्याख्याता बोर्ड की कॉपियां जांचने में रुचि नहीं दिखाते। राज्य सरकार द्वारा बाकायदा आदेश जारी कर सरकारी व्याख्याताओं को परीक्षा की उत्तरपुस्तिकाएं जांचने के लिए पाबंद किया जाता है।
नहीं होती सीधी कार्रवाई
बोर्ड उत्तरपुस्तिकाओं की संवीक्षा के दौरान गलती करने वाले परीक्षकों को महज बोर्ड कार्य से एक साल से तीन साल तक डिबार कर सकता है। सरकारी व्याख्याता बोर्ड के अधीन नहीं होकर शिक्षा विभाग के कार्मिक होते हैं। लिहाजा उनके खिलाफ सीधी अनुशासनात्मक कार्रवाई नहीं हो पाती। यही कारण है कि बोर्ड भी परीक्षकों के सामने लाचार है।
बोर्ड उत्तरपुस्तिकाओं की संवीक्षा के दौरान गलती करने वाले परीक्षकों को महज बोर्ड कार्य से एक साल से तीन साल तक डिबार कर सकता है। सरकारी व्याख्याता बोर्ड के अधीन नहीं होकर शिक्षा विभाग के कार्मिक होते हैं। लिहाजा उनके खिलाफ सीधी अनुशासनात्मक कार्रवाई नहीं हो पाती। यही कारण है कि बोर्ड भी परीक्षकों के सामने लाचार है।
——— सिर्फ री-टोटलिंग- पूनर्मूल्यांकन नहीं संवीक्षा के तहत कॉपियों में दिए गए अंकों की महज री-टोटलिंग की जाती है। सवालों के सामने परीक्षकों द्वारा दिए गए अंकों का नए सिरे से जोड़ लगाने में ही एक से 40 अंक तक की गलतियां सामने आ जाती है। अगर कॉपियों को नए सिरे से दूसरे परीक्षकों से जंचवाया जाए तो हालात काफी दयनीय हो सकते हैं।