
देश में राजस्थान 25 वें पायदान पर, यूं कैसे मिलेगा अमृत
अनिल कैले.
देश की आजादी के 75 साल पूरे होने के जश्न पर केन्द्र से शुरू किए गए मिशन अमृत सरोवर में हम पिछड़़ रहे हैं। मिशन के अंतर्गत प्रदेश के हर जिले में कम से कम 75 जलाशय बनाए जिले में कम से कम 75 जलाशय बनाए जाने हैं। हैं। जलाशयों का निर्माण कार्य शुरू करने में हम देश में जरूर आठवीं पायदान पर हैं पर काम पूरा करने में 25वें स्थान पर लुढ़क गए।
सतह पर और भूमिगत जल की उपलब्धता बढ़ाने के उद्देश्य से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 24 अप्रेल 2022 को मिशन अमृत सरोवर का शुभारंभ किया था। मिशन के तहत देश के प्रत्येक जिले में 75 जलाशयों का निर्माण किया जाना है। जहां नए जलाशय नहीं बनाए जा सकते, वहां पुराने जलस्रोतों के जीर्णोद्धार के कार्य को इस मिशन में शामिल किया जाना है। मिशन पूरा होने में दो महीने बचे हैं लेकिन समय पर काम पूरा हाेने की उम्मीद बहुत कम है।
देश में 47 फीसदी काम बाकी
देश में जलाशय बनाने के लिए 93 हजार 580 स्थानों का चयन किया गया था। इनमें से 55 हजार 400 स्थानों पर निर्माण कार्य शुरू किए गए। दो फरवरी तक करीब 53 फीसदी (29331) जलाशयों का काम पूरा हो चुका है।
राजस्थान की हालत चिंताजनक
प्रदेश में जलाशयों के लिए 4 हजार 658 स्थानों को चिन्हित किया गया पर करीब 70 प्रतिशत (3234) स्थानों पर निर्माण कार्य शुरु हुआ। इनमें से भी केवल 34.4 प्रतिशत (1121) स्थानों पर निर्माण कार्य पूरे किए जा सके हैं। देश के अन्य राज्यों की तुलना की जाए तो राजस्थान काम शुरू करने में तो आठवें स्थान पर है पर काम पूरा करने में 33 राज्यों में 25वें स्थान पर हैं। लद्दाख पहले, उत्तराखण्ड दूसरे और जम्मू- कशमीर तीसरे स्थान पर है।
ये है योजना
- 50 हजार अमृत सरोवर बनाने हैं देश में- 01 एकड़ न्यूनतम क्षेत्र में बनाना है अमृत सरोवर
- 10 हजार क्यूबिक मीटर जलधारण क्षमता होगी प्रत्येक अमृत सरोवर की- 31 मार्च 2023 तक पूरा करना है मिशन
- 15 अगस्त 2023 तक पूरा कर सकते हैं मिशन केवल विशेष हालात में
Updated on:
04 Feb 2023 08:13 pm
Published on:
04 Feb 2023 07:45 pm
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