एसईएन व जेईएन भी जिम्मेदार भूडोल जीएसएस व लाइन निर्माण की अनियमितताओं की जांच में एक्सईएन आर.डी.बारेठ ने जांच में सहयोग नहीं किया। प्रोजेक्ट के कनिष्ठ अभिंयता हेमंत उपाध्याय ने जांच के लिए दस्तावेज नहीं दिए। उपाध्याय के खिलाफ कार्रवाई के बजाय नाथद्वार में भूमिगत केबल डालने के करोड़ों रुपए के प्रोजेक्ट के लिए तीन माह का विशेष काम सौंपा गया है।
यह गड़बडिय़ा भी सामने आई भूडोल जीएसएस के लिए कई जगह लाइन टेड़ीमेढ़ी डाली गई है, पोल, टावर व लाइन डीपी तिरछी है। टावर पर लाइन डालने के बाद फाउंडेशन आधा अधूरा तैयार किए गए है। कई पोल केवल डेढ़-दो फिट ही गाड़े गए हैं जिससे लाइन कभी भी गिर सकती है। कई जगह अर्थवायर नहीं डाले गए। 33 केवी लाइन व 11 केवी लाइन के बीच दूरी नियमानुसार नहीं,तार ढीले हैं आपस में टकरा सकते हैं। 42 फुट के टावर की जगह 36 फुट के टावर लगाए गए,जीएसएस पर अर्थिंग रॉड को सही नहीं डाला गया,क्रॉस आर्म नहीं थी। एल्यूमिनियम पेंट की क्वालिटी घटिया थी।