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धौलपुर में बाढ़, टूट सकता है आज वर्ष 1996 का रिकॉर्ड

- चंबल खतरे के निशान 14.60 मीटर ऊपर, चंबल के तटवर्ती गांवों को खाली कराया, डीएम व एसपी ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का लिया जायज  

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अजमेर

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Dilip Sharma

Aug 05, 2021

धौलपुर में बाढ़, टूट सकता है आज वर्ष 1996  का रिकॉर्ड

धौलपुर में बाढ़, टूट सकता है आज वर्ष 1996 का रिकॉर्ड

धौलपुर. जिले में जैसे-जैसे चंबल का जल स्तर बढ़ रहा है, वैसे-वैसे ही प्रभावित गांवों में बाढ़ के हालात बिगड़ते जा रहे हैं। जिले के करीब 120 गांव व ढाणियों में बाढ़ का पानी प्रवेश कर चुका है। गांवों के लोगों को ऊंचे स्थानों पर भेजा जा रहा है।

संभागीय आयुक्त जिला कलक्टर, जिला पुलिस अधीक्षक व सहित अन्य अधिकारियों ने जिलेभर में दौरा कर व्यवस्थाओं का जायजा लिया। वहीं, कोटा बैराज से एक लाख क्यूसेेक पानी छोड़ा गया है, जिसके बाद चंबल का जलस्तर और बढऩे की संभावना जताई जा रही है। बुधवार देर शाम चंबल का जलस्तर 144.60 पहुंच गया, जो कि खतरे के निशान से करीब 14.60 मीटर ऊपर है। जलस्तर बढऩे से ही गांवों में बाढ़ की स्थिति बनती नजर आ रही है।

बुधवार को संभागीय आयुक्त पीसी बेरवाल, जिला कलक्टर राकेश कुमार जायसवाल तथा जिला पुलिस अधीक्षक केसर सिंह शेखावत ने सरमथुरा उपखंड के कई गांवों का दौरा कर हालात का जायजा लिया। सरमथुरा क्षेत्र के चम्बल किनारे बसे गांव झिरी में संभागीय आयुक्त ने अधिकारियों को निर्देश दिए। उन्होंने ग्रामीणों को सुरक्षा के लिए आश्वस्त भी किया। जिला कलक्टर ने जिला आपदा नियंत्रण टीम को अलर्ट करने के निर्देश दिए।

कलक्टर जायसवाल ने बताया कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों गांव झिरी, चन्द्रपुरा, दुर्गसी, शंकरपुर, खिलीडांडा, मोतीसिंहपूरा, कालीतीर, सेवर पाली, घनवली में ग्रामीणों को भोजन पैकेट उपलब्ध करवाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि लगातार पानी कि आवक बढऩे से जलस्तर में लगातार बढोत्तरी हो रही है। उन्होंने जिले के तहसीलदार, ग्राम विकास अधिकारी तथा पटवारी को अलर्ट रहने के निर्देश दिए। चिकित्सा अधिकारियों को मेडिकल टीम अलर्ट मोड़ पर रखने के निर्देश दिए। गर्भवती महिलाओं तथा बच्चों, बुजुर्गों का विशेष ध्यान रखने व आमजन को आवश्यक दवा किट उपलब्ध करवाने के निर्देश दिए। ग्रामीणों को नदी नालों की रपट पर आवाजाही नहीं करने की अपील की।

इस दौरान जिला पुलिस अधीक्षक ने सभी उपखंड स्तर पर बाढ़ प्रभावित इलाकों में 1-1 एसडीआरएफ टीम से सभी आवश्यक संसाधनों के साथ अलर्ट रहने के निर्देश दिए। जिन स्थानों पर लोग बाढ़ में फंसे हुए है उन्हें तत्काल रेस्क्यू करने के निर्देश दिए। इस दौरान उपखंड अधिकारी मनीष कुमार जाटव पुलिस उपाधीक्षक यशोधन पाल सिंह सहित अन्य अधिकारी मौजूद रहे।

बाढ़ प्रभावित गांवों में दवा वितरण

जिला कलक्टर ने चंबलनदी में जलस्तर बढऩे से बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में लोगों को चिकित्सा सुविधाए मुहैया करवाने के निर्देश दिए। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र स्तर से मेडिकल टीमों का गठन कर आवश्यक दवाओं का वितरण शुरू किया है।

जिला कलक्टर ने बताया कि बाढ़ प्रभावित 23 ग्राम पंचायतों के 65 राजस्व गांवो में 21 मेडिकल टीमें तैनात अलर्ट मोड़ पर कार्य करते हुए दवा वितरण कार्य कर रही है। उन्होंने बताया कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में मेडिसिन वितरण हेतु प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र गोपालपुरा पर 3, पीएचसी समोना पर 3, पीएचसी मरेना पर 5, पीएचसी जाटौली, मोरोली तथा खानपुर पर 2-2 टीम, पीएचसी हथवारी, झिरी, बरौली सेवर पर 1-1 मेडिकल टीम गठित की गई है।

कोटा बैराज से छोड़ा एक लाख क्यूसेक पानी

चंबल में बढ़ते जल स्तर के दौरान बुधवार को कोटा बैराज से एक लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया है, यह पानी गुरूवार तक धौलपुर पहुंच जाएगा। ऐसे में धौलपुर में वर्ष 1996 बाढ़ का रिकॉर्ड इस बार टूट सकता है। हालांकि कोटा से पानी को धौलपुर पहुंचने में करीब 36 घंटे का समय लगेगा, जिसे लेकर प्रशासन तैयारियों में जुट चुका है।


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