-प्रति व्यक्ति कम से कम एक-दो पेड़ लगाकर उनका संरक्षण करें।
-पर्यावरण की क्षति को रोकना चाहिए। सड़क बने मगर पेड़ों को नहीं काटा जाए-पेड़-पौधे लगाने वाले व्यक्ति, संस्था को विशेष महत्व दिया जाए।
-पानी को मितव्ययता से बरतने के लिए लोगों को जागरुक किया जाए।
-विद्यालयों, सार्वजनिक स्थलों पर अधिकाधिक पेड़ लगाएं। -युवा, बच्चे जहां भी रहते हैं उन्हें घर के आसपास पेड़ लगाने के लिए प्रेरित किया जाए। इनका कहना है
————————————————– राज्यमंत्री, एडीए अध्यक्ष को लगाई गुहार अजमेर. पेड़-पौधों की हरियाली से पर्यावरण स्वच्छ रहने के साथ गर्मी में धूप से राहत की छाया उपलब्ध हो रही है। पेड़ लगाना आसान है मगर उन्हें बड़ा करना, संरक्षण करना बहुत मुश्किल है। बड़े-बड़े पेड़ों को अगर बाद में बाधा मानते हुए काटने की योजना बनाई जाए तो आमजन इसे बर्दाश्त भी नहीं करेंगे। अजमेर शहर के धोलाभाटा क्षेत्र में हाउसिंग बोर्ड की कॉलोनी में भी पेड़ों को काटने की प्रस्तावित योजना का कॉलोनी बाशिन्दों ने विरोध किया है। उन्होंने महिला एवं बाल विकास राज्यमंत्री अनिता भदेल, एडीए अध्यक्ष शिवशंकर हेड़ा, नगर निगम आयुक्त को ज्ञापन देकर सड़क के विस्तार करने के दौरान दोनों छोर पर लगाए गए पेड़ों को नहीं काटने की गुहार लगाई है। धोलाभाटा मुख्य सड़क चौराहा छोटा मार्केट है यहां पर एक गुमटी एडीए की ओर से बनवाई गई थी, पिछले 30 साल से मौजूद है। धोलाभाटा चौराहे पर चाक-पूजन, सभी बारात का ठहराव, उठाव, सत्संग की बसें, रैली या कहीं जाने के लिए बसें यहीं से रवाना होती है, टेम्पो स्टैंड भी है। इस गुमटी को भी नहीं तोड़ा जाना चाहिए। कॉलोनी बाशिन्दों ने सड़क निर्माण, विस्तार का स्वागत किया मगर पेड़ों को किसी तरह का नुकसान नहीं पहुंचाने की मांग की है।