
एसपी थप्पड़ प्रकरण में पूर्व विधायक सिंगारिया को हुई तीन साल सजा
अजमेर. पीसीपीएनडीटी कोर्ट ने केकड़ी के पूर्व विधायक बाबूलाल सिंगारिया को 22 साल पहले अजमेर के तत्कालीन पुलिस अधीक्षक डॉ. आलोक त्रिपाठी को थप्पड़ मारने के मामले में फैसला सुनाया। अदालत ने सिंगारिया को 3 साल की सजा और 5 हजार का जुर्माना लगाया। हालांकि सिंगारिया को अदालत से तत्काल जमानत भी मिल गई।
अभियोजन अधिकारी निर्मला कुमारी ने बताया कि पीसीपीएनडीटी कोर्ट ने शुक्रवार को फैसला सुनाया। कोर्ट ने बीस गवाह और दस्तावेजों के आधार पर केकड़ी के पूर्व विधायक बाबूलाल सिंगारिया को सजा सुनाने के अलावा जुर्माना लगाया। इस मामले में मुख्य सचिव उषा शर्मा (तब अजमेर कलक्टर) की गवाई भी हुई थीठ।यह था मामला....
30 जून 2001 को कलक्ट्रेट परिसर में जिला सतर्कता एवं जन अभियोग निराकरण समिति की बैठक आयोजित हुई थी। इस बैठक में प्रशासनिक अधिकारी व जन प्रतिनिधि मौजूद थे। बाबूलाल सिंगारिया तब केकड़ी सुरक्षित सीट से विधायक थे। बैठक में मौजूद तत्कालीन पुलिस अधीक्षक आलोक त्रिपाठी और सिंगारिया के बीच कुछ विवाद हुआ। पुलिस रिपोर्ट के अनुसार सिंगारिया ने तैश में आकर त्रिपाठी के थप्पड़ जड़ दिया। मामले को लेकर काफी हंगामा भी हुआ। 22 साल से यह मामला अदालत में चल रहा था। मौजूदा मुख्य सचिव उषा शर्मा तब अजमेर कलक्टर थीं।
सिंगारिया को किया था निलंबित2001 में भी राज्य में अशोक गहलोत सरकार थी। घटना के समय गहलोत पाली के एक कार्यक्रम में व्यस्त थे। लेकिन सुरक्षा अधिकारियों ने घटना की सूचना तत्काल सीएम गहलोत को दी। कार्यक्रम से ही गहलोत ने एसपी त्रिपाठी से बात की। सिंगारिया को तत्काल कांग्रेस पार्टी से निलंबित कर दिया गया। उसके विरुद्ध सिविल लाइन थाने में मुकदमा दर्ज हुआ।
अभी कुलपति हैं त्रिपाठीत्रिपाठी पुलिस महानिदेशक (एसीबी) के पद से सेवानिवृत्त हुए। वे मौजूद वक्त सरदार पटेल पुलिस, सुरक्षा एवं दाण्डिक न्याय विश्वविद्यालय के कुलपति हैं।
Published on:
25 Mar 2023 01:44 pm
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