इसके चलते एक पक्ष ने इस जमीन पर गोशाला बनाकर विवाद को समाप्त करना चाहा, लेकिन यह योजना दूसरे गुट को नागवार गुजरी। आरोप है कि एक गुट ने यहां मवेशियों के लिए रखे चारे में आग लगा दी। आग की लपटें उठती देख ग्रामीण मौके पर दौड़े। घटना के बाद तनाव बढ़ गया।
इसकी सूचना केकड़ी पुलिस को दी गई। पुलिस घटनास्थल पर पहुंची तो कुछ लोगों ने पुलिस के दो वाहनों पर पथराव कर दिया। इससे बोलेरो व जीप के शीशे टूट गए। …ऐसी उम्मीद नहीं थी
पुलिस को पथराव की उम्मीद नहीं थी। मामले की नजाकत देखते हुए अजमेर से जिला पुलिस अधीक्षक कुंवर राष्ट्रदीप भी रात को ही नयागांव पहुंच गए। तनाव की स्थिति से निपटने, दोनों पक्षों में राजीनामा कराने सहित कई उपायों पर चर्चा हुई, लेकिन दोनों पक्ष अपनी-अपनी जिद पर अड़े रहे।
सोमवार को केकड़ी थाना पुलिस ने कांच तोडऩे एवं राजकार्य में बाधा पहुंचाने के मामले में चार आरोपितों को गिरफ्तार किया है। थानाधिकारी महावीर प्रसाद शर्मा के अनुसार रविवार रात गोशाला के लिए रखे चारे व तीन टापरियों में आग लगा दी गई थी। पुलिस ने अनुसंधान के बाद खुशीराम कुमावत, राजाराम कुमावत, हीरालाल कुमावत एवं महावीर कुमावत को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस के हत्थे चढ़ा खुशीराम कुमावत जिला परिषद,अजमेर का सदस्य भी है। अनुसंधान अधिकारी एसआई रामविलास मीणा ने बताया कि शेष आरोपितों की सरगर्मी से तलाश की जा रही है।
क्या है मामला कुमावतों का नयागांव में रविवार रात अज्ञात समाजकंटकों ने गोशाला में रखे चारे व तीन टापरियों में आग लगा दी। घटना का पता चलने के बाद ग्रामीण आक्रोशित हो गए।
सूचना पर मौके पर पहुंची केकड़ी थाना पुलिस ग्रामीणों से समझाइश करती। इससे पहले ही ग्रामीणों ने पुलिस वाहनों पर पथराव शुरू कर दिया। ग्रामीणों का कहना था कि आगजनी की घटना के लिए बघेरा सरपंच जिम्मेदार है। ग्रामीणों ने आवारा घूमने वाली गायों के लिए गौशाला बनाने के उद्ेश्य से सरकारी जमीन पर तारबंदी कर वहां चारा रखवाया था, लेकिन सरपंच के इशारे पर उसके समर्थकों ने चारे में आग लगा दी।
नयागांव के ग्रामीणों ने सौंपा ज्ञापन घटना को लेकर सोमवार को नयागांव के ग्रामीणों ने उपखण्ड अधिकारी को ज्ञापन सौंप बताया कि यहां पिछले कई दिनों से गोशाला संचालित की जा रही है। बघेरा सरपंच सहित कुछ लोग इस भूमि पर कब्जा करने की नीयत रखते है। आवारा घूमने वाली गायों के लिए यहां गोशाला संचालन की अनुमति दी जाए तथा गोशाला संचालकों को सुरक्षा उपलब्ध कराई जाए।
दूसरी तरफ बघेरा सरपंच श्योजीराम गुर्जर का कहना था कि कुमावतों का नयागांव की उक्त सिवायचक भूमि गत २०१५ में ही आबादी भूमि में कन्वर्ट हो चुकी है।