पुलिस ने वांटेड गैंगस्टर वरुण चौधरी (42) को अदालत में पेश किया, जहां उसे पांच दिन के रिमांड पर सौंपने के आदेश दिए गए। इससे कड़ी सुरक्षा में पेशी पर अदालत ले जाया गया।
पुलिस ने वांटेड गैंगस्टर वरुण चौधरी (42) को रविवार को अदालत में पेश किया, जहां उसे पांच दिन के रिमांड पर सौंपने के आदेश दिए गए। इससे कड़ी सुरक्षा में पेशी पर अदालत ले जाया गया। इससे पूर्व पुलिस मुख्यालय की क्राइम ब्रांच ने शनिवार को वरुण को जयपुर के सिंधी कैम्प बस स्टैंड से पकड़ा था। बाद में उसे क्रिश्चियनगंज थाना पुलिस के सुपुर्द कर दिया गया।
पुलिस के अनुसार गैंगस्टर वरुण के खिलाफ 50 हजार रुपए का इनाम घोषित था। चुनाव में मादक पदार्थ व अवैध गतिविधियों में लिप्त बदमाशों की धरपकड़ के लिए विशेष अभियान चलाया जा रहा है। पुलिस को तीन वर्ष से फरार वांटेड के संबंध में सूचना मिली कि वह मथुरा से जयपुर होते हुए गुजरात के सोमनाथ जा रहा है। क्राइम ब्रांच की टीम भरतपुर से आरोपी का पीछा कर रही थी। इस दौरान आरोपी ज्योंहि जयपुर सिंधीकैम्प स्टैंड पर बस से उतरा, तभी क्राइम ब्रांच की टीम ने उसको पकड़ लिया। आरोपी वरुण मूलत: डीग के कुम्हेर स्थित पैंघोर हाल अजमेर के कुंदन नगर में रह रहा था।
एक दर्जन से अधिक आपराधिक प्रकरण दर्ज
पुलिस के अनुसार गैंगस्टर वरुण चौधरी राजस्थान, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में 3 वर्ष से फरारी काट रहा था। आरोपी के खिलाफ अजमेर, नागौर, भरतपुर व दिल्ली में हत्या, हत्या का प्रयास, आर्म्स एक्ट सहित 16 गंभीर आपराधिक प्रकरण दर्ज हैं। आरोपी के खिलाफ अजमेर व नागौर में हत्या के तीन प्रकरण दर्ज हैं। भरतपुर व दिल्ली में एक दर्जन से अधिक आपराधिक प्रकरण हैं।
वर्चस्व को लेकर गैंगवार
एमएन ने बताया कि आरोपी वरुण की अजमेर में गैंगस्टर संजय मीणा के साथ वर्चस्व को लेकर गैंगवार चल रही थी। इसके कारण अजमेर में कानून व्यवस्था प्रभावित हो रही थी। संजय मीणा की गैंग ने वरुण के चाचा धर्मेंद्र चौधरी की अजमेर में हत्या कर दी थी। आरोपी वरुण ने बदले की भावना से करीब 2 माह पहले अपने साथियों को संजय मीणा की हत्या करने के लिए भेजा था, लेकिन घटना से पहले ही अजमेर पुलिस ने पांच बदमाशों को 6 अवैध हथियारों व भारी मात्रा में कारतूसों के साथ पकड़ लिया था।