सेठ मूलचंद नेमीचंद सोनी ने इसका निर्माण 1864 में शुरू कराया था। सेठ भागचंद सोनी ने इसका निर्माण पूर्ण किया था। इसे श्री सिद्धकूट चैत्यालय एवं करौली के लाल पत्थरों से निर्मित होने के कारण लाल मंदिर भी कहा जाता है। नसियां में स्वर्णिम अयोध्या नगरी सर्वाधिक दर्शनीय है। भगवान ऋषभदेव ( Rishabhdev Bhagwan) के पंच कल्याणक का दृश्यांकन किया गया है। अयोध्या नगरी में सुमेरू पर्वत का निर्माण जयपुर में कराया गया था। आचार्य जिनसेन द्वारा रचित आदिपुराण पर आधारित है। मूर्तियों में स्वर्ण की परत का प्रयोग किया गया है।
गर्भ कल्याणक-
माता मरुदेवी के रात्रि में 16 स्वप्न देखे थे, जिसके फलानुसार भावी तीर्थंकर का अवतरण अयोध्या में हुआ। इसमें देवविमान और माता के स्वप्न दर्शाए गए हैं।
जन्म कल्याणक-
ऋषभदेव (Bhagwan Adinath ) के जन्म पर इंद्र के आसन कंपायमान होने, ऐरावत हाथी पर बालक ऋषभवदेव को सुमेरू पर्वत ले जाने, पांडुकशिला पर अभिषेक और देवों की शोभायात्रा को दर्शाया गया है।
तप कल्याणक-
महाराज ऋषभदेव के दरबार में अप्सरा नीलांजना का नृत्य, ऋषभदेव के संसार त्याग कर दिगंबर मुनि बनने और केशलौंचन को दर्शाया गया है।
केवलज्ञान कल्याणक-
हजार वर्ष की तपस्या में लीन ऋषभदेव, कैलाश पर्वत पर केवल ज्ञान प्राप्ति, राजा श्रेयांस द्वारा मुनि ऋषभवदेव को प्रथम आहार को दर्शाया गया है।
मोक्ष कल्याणक-
भगवान ऋषभदेव (Tirthankara of Jainism ) का कैलाश पर्वत से निर्वाण का स्वर्ण कमल दृश्य, पुत्र भरत द्वारा 72 स्वर्णिम मंदिर को दर्शाया गया है। प्रमुख बिन्दु : जो हर कोई जानना चाहता है- (Tirthankara of Jainism )
-सोने की अयोध्या नगरी को देखने के लिए देश-दुनिया से पहुंच रहे हैं लोग
-माता मरूदेवी के 16 स्वपन से लेकर प्रथम तीर्थंकर के जन्म एवं वैराग्य और मोक्ष यात्रा तक का दृश्यांकन है स्वर्णिम अयोध्या नगरी में
-जैन साधु-संतों के लिए खोली जाती है स्वर्णिम अयोध्या नगरी
-आम दर्शक कांच की खिड़कियों से ही देख सकती है नगरी
-निर्धारित टिकट दर पर पर्यटक देख रहे हैं सोनीजी की नसियां
-नसिया के जैन मंदिर में भगवान आदिनाथ यानि प्रथम तीर्थंकर ऋषभदेव की विशाल प्रतिमा है या मंदिर में स्थापित
-मंदिर में लकड़ी पर कांच और स्वर्ण परत की नायाब कारीगिरी
-पूरे मंदिर में कहीं पर पंखे नहीं लगे हैं, फिर भी ठण्डा रहता है मंदिर
-154 साल पहले हुआ था सोनीजी की नसिया का निर्माण
-1864 में 10 अक्टूबर को शुरू हुआ था नसियां का निर्माण
-1865 में पूरा हुआ नसियां का निर्माण
-1895 में सोनीजी की नसियां में किया था स्वर्णिम अयोध्या नगरी का निर्माण
– 25 वर्ष का समय लगा स्वर्णिम अयोध्या नगरी के निर्माण मेें
-1953 में नसियां में 82 फीट ऊंचे मान स्तंभ का निर्माण किया गया।