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अजमेर का टाइगर, टोंक का ब्लैक ग्रेनाइट लाएगा खुशहाली, विदेशों में भी एक्सपोर्ट

जालोर के बाद पाली, ब्यावर, भिनाय, केकड़ी, अरांई एवं मालपुरा में ग्रेनाइट की नई पट्टी, मिला भण्डार, अजमेर एवं टोंक जिले में रोजगार के अवसर बढ़े, आगामी एक वर्ष में करीब 200 खदानें उगलेंगी ग्रेनाइट  

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अजमेर का टाइगर, टोंक का ब्लैक ग्रेनाइट लाएगा खुशहाली, विदेशों में भी एक्सपोर्ट

अजमेर का टाइगर, टोंक का ब्लैक ग्रेनाइट लाएगा खुशहाली, विदेशों में भी एक्सपोर्ट

चन्द्र प्रकाश जोशी

अजमेर. प्रदेश में अजमेर एवं टोंक जिला ग्रेनाइट का नया हब बनने जा रहा है। जालोर के बाद अब इन जिलों में भी ग्रेनाइट का भण्डार मिलने के बाद अब ग्रेनाइट खनन प्रारंभ हो गया है। आगामी एक वर्ष में करीब 200 खदानों में उत्पादन प्रारंभ हो जाएगा। वर्तमान में अजमेर के राममालिया का 'टाइगरÓ एवं टोंक जिले के मालपुरा का ब्लैकनीयर ग्रेनाइट विदेशों में भी पसंद किया जा रहा है।
अजमेर जिले के राममालिया में ग्रेनाइट खदानों में खनन प्रारंभ होने एवं माल का खाड़ी देशों में एक्सपोर्ट होने के बाद केकड़ी, भिनाय, पीसांगन एवं अरांई क्षेत्र के कई गांवों में ग्रेनाइट के भण्डार मिले हैं। खनि विभाग की ओर से यहां खातेदारी एवं सरकारी भूमि में लीज दी गई है। कई खदानों की लीज की कार्यवाही जारी है। राममालिया (भिनाय) में टाइगर ग्रेनाइट की खाड़ी देशों के साथ देशभर में डिमांड है। वहीं टोंक जिले के मालपुरा में भी ग्रेनाइट की लीज देने के साथ खनन शुरू हो गया है।

ग्रेनाइट का नया जोन

खनि विभाग के अभियंताओं के अनुसार जालोर में ग्रेनाइट खदानों में अब बहुत कम माल रह गया है। ऐसे में अजमेर एवं टोंक में ग्रेनाइट खदानों से नया जोन बन गया है।

यहां नई खदानों की लीज, खनन प्रारंभ

केकड़ी खनि अभियंता क्षेत्र के अंतर्गत भिनाय क्षेत्र के राममालिया में 20 से अधिक खदानें चल रही हैं। एकलसिंहा, सिंगावल व आस-पास के गांव, सावर में करीब 100 लीज की प्री-सेंक्शन हो चुकी है। वहीं 20 खदानों में एग्रीमेंट के बाद खनन चालू हो गया है। पीसांगन पंचायत समिति क्षेत्र में आलनियावास, गोविन्दगढ़, मसूदा में शेरगढ़, अरांई में ढसूक, डांग गांव व आस-पास के गांव, टोंक जिले के मालपुरा, लांबा हरिसिंह सहित कई गांवों में ग्रेनाइट के भंडार मिले हैं। आगामी एक वर्ष में करीब 200 खदानों में ग्रेनाइट का उत्पादन शुरू हो जाएगा।

मार्बल के विकल्प में अब ग्रेनाइट
मार्बल की जगह अब ग्रेनाइट का उपयोग बढ़ा है। ग्रेनाइट की जिले में उपलब्धता से 50 रुपए वर्ग फीट में ग्रेनाइट उपलब्ध है। दस गुणा दस के ब्लॉक ग्रेनाइट में भी मिल पा रहे हैं।

चाइना की अत्याधुनिक मशीनों से खनन : ग्रेनाइट खनन में अत्याधुनिक चाइना निर्मित मशीनों से खनन किया जा रहा है। इससे ब्लॉक भी बड़े बन रहे हैं। माल भी क्वालिटी का निकल रहा है।
क्षेत्र में रोजगार के अवसर

- 200 खदानों पर करीब 12000 लोगों को रोजगार। (खनन/परिवहन)
- औद्योगिक इकाइयों की स्थापना।

- चाय, किराणा, ढाबा आदि का रोजगार बढ़ा।

इनका कहना है...

अजमेर के केकड़ी, ब्यावर, भिनाय, मसूदा पीसांगन क्षेत्र के साथ टोंक जिले के मालपुरा में ग्रेनाइट के भण्डार मिलने के बाद करीब 100 से अधिक लीज की प्री-सेंक्शन हो गई है। आगामी एक साल में करीब 200 खदानों में ग्रेनाइट उत्पादन प्रारंभ हो जाएगा।

श्याम कापड़ी, सहायक खनि अभियंता, अजमेर


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