scriptदो साल से सोलर प्लांट स्थापना में ‘हिन्दी और अजमेरÓ बना बाधक | 'Hindi and Ajmer' became a hindrance in the installation of solar plan | Patrika News

दो साल से सोलर प्लांट स्थापना में ‘हिन्दी और अजमेरÓ बना बाधक

locationअजमेरPublished: Aug 13, 2021 09:58:03 pm

Submitted by:

bhupendra singh

राजस्व मंडल के 120 किलोवाट के सोलर प्लांट का मामला
सस्ती बिजली के लिए राजस्व मंडल में शुरु हुई
हलचल आरईसी को लिखा पत्र, बिल पर प्रतिमाह 4.15 का खर्च
रेस्को मॉडल पर सोलर प्लांट से आधी राशि का ही आएगा बिल

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भूपेन्द्र सिंह

अजमेर. सरकारी महकमों में किस तेज गति से काम होता है इसका जीता जागता उदाहरण है राजस्व मंडल में स्थापित होने वाला 120 किलावाट का सोलर पावर प्लांट। राजस्व मंडल में मुफ्त में लगने वाला और प्रति युनिट बिजली प्रचलित से आधी दर पर उपलब्ध करवाने वाले इस प्लांट की स्थापना में टेंडर की भाषा हिन्दी में नहीं होने और विवाद के मामले में न्याय क्षेत्र अजमेर नहीं होना बड़ी बाधा साबित हो रहे हैं। दो साल से विवाद सुलझाने के बजाय राजस्व मंडल व राजस्थान अक्षय ऊर्जा निगम पत्र व्यवहार में ही उलझे हुए हैं। इस बीच लाखों रुपए बिजली खर्च के नाम पर फूंके जा चुके है। अक्षय ऊ र्जा निगम ने राजस्व मंडल में रेस्को मॉडल पर रूफ टॉप सोलर प्लांट लगाने के लिए एक कम्पनी को ठेका दे दिया है। कम्पनी की तरफ से प्लांट का टेंडर व शर्तो अग्रेजी में बनाई गई वहीं विवाद की स्थिति में न्याय क्षेत्र जयपुर तय किया गया है। जबकि राजस्व मंडल टेंडर व शर्ते अंग्रेजी के साथ ही हिन्दी तथा न्याय क्षेत्र अजमेर चाहता है। पिछले दो सालों से मामला यहीं अटका हुआ है और राजस्व मंडल 8.30 रुपए प्रति युनिट की दर से बिजली खरीदते हुए प्रति माह सवा चार लाख रूपए चुका रहा है। जबकि सोलर प्लांट से यही बिजली उसे 4.15 रूपए की दर से मिलती है। इससे राजस्व मंडल को प्रतिमाह दो लाख रूपए का फायदा होता।
पत्रों का जवाब ही नहीं

मामला राजस्व मंडल के उच्चाधिकारियों की जानकारी में आने के बाद राजस्व मंडल उप निबन्धक ने राजस्थान अक्षय ऊर्जा निगम के प्रबन्ध निदेशक को पत्र लिखकर शर्तो में संशोधन करने को कहा है जिससे प्लांट लगाने का काम जल्द शुरु हो सके। हालांकि कि निगम द्वारा मंडल के पत्रों का जवाब नहीं दिया जा रहा है।
25 साल तक होगी बचत

सोलर प्लांट से उत्पादित बिजली निजी कम्पनी राजस्व मंडल को 4.15 रूपए प्रति यूनिट की दर से 25 वर्ष तक उपलब्ध करवाएगी। वर्तमान में राजस्व मंडल को बिजली करीब 8.30 रुपए की दर से मिलती है। प्लांट लगने से इसकी दर आधी हो जाएगी।
सेंट्रलाइज एसी प्लांट बढ़ाएगा खर्च

राजस्व मंडल में हाल ही करीब साढ़े तीन करोड़ रूपए खर्च कर सेंट्रलाइज वातानुकूलित प्लांट लगाया है। इसे जल्द चालू करने की योजना है इससे राजस्व मंडल के बिजली खर्च में जबर्दस्त बढ़ोतरी होगी। प्रतिमाह करीब 6 लाख रूपए का बिल आना तय है। वहीं राजस्व मंडल के कई वकीलों ने भी अपने चैम्बर में एसी लगवा लिए है इनका बिल भी राजस्व मंडल ही भर रहा है।
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