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एतिहासिक झील आनासागर में मलबा डालकर किए जा रहे हैं कब्जे

locationअजमेरPublished: Oct 11, 2019 09:31:20 pm

Submitted by:

bhupendra singh

अफसरों की आंखों में धूल झोंक रहे खातेदार
प्रशासन केवल निर्देश व आदेश से कर रहा खानापूर्ति
एफआईआर की परवाह नहीं, बेखौफ हो रहा कब्जा

एतिहासिक झील आनासागर में मलबा डालकर किए जा रहे हैं कब्जे

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2013 : में लागू हुआ नो-कंस्ट्रक्शन जोन

8 : मील बताई गई है इतिहास में झील की परिधि
1135-50 : में कराया पृथ्वीराज चौहान के पितामह अर्णोराज ने निर्माण

1637 : में शाहजहां ने झील किनारे 4 बारादरियां एवं खामखां का दरवाजा बनवाया
01 : आलीशान उद्यान दौलतबाग बनवाया जहांगीर ने झील किनारे
अजमेर. शहर की शान कही जाने वाली एेतिहासिक Anasagar आनासागर झील Historic lake समय के थपेड़ों के साथ अपना अतीत खोती जा रही है। शहर की पहचान इस झील पर बेखौफ कब्जे हो रहे हैं। अतिक्रमी इसकी सुंदरता पर दाग लगाए जा रहे हैं और जिम्मेदार आंखें मूंद कर बैठे हैं। प्रशासनिक ढिलाई के कारण अतिक्रमियों के हौसले इतने बुलंद हो गए हैं कि उन्हें किसी की परवाह नहीं।
झील की वर्तमान तस्वीर

– गौरवपथ के पास जी-मॉल के पीछे बड़े पैमाने पर झील में कचरा तथा बिल्डिंग वेस्ट मैटेरियल डाला जा रहा है।
– झील के किनारे ही कब्जा कर झुग्गी झोपडि़यां बना ली गई हैं। इनमें मूर्तियों का निर्माण किया जाता है।
– नौसर घाटी रातीडांग के जरिए आने वाले नाग पहाड़ी के पानी के नालों पर लोगों ने कब्जे कर मकान बना लिए हैं।

– झील के किनारे डूब क्षेत्र में अधिकतर लोगों ने मकान बना लिए हैं।
– बांडी नदी पर कब्जे कर आनासागर में पानी की आवक के रास्तों को जगह-जगह बंद कर दिया गया है।

– आनासागर के किनारे खेती के लिए झील का पानी चोरी करते हुए काम में लिया जा रहा है। इसके लिए कई जगहों पर पानी की मोटरें लगाई गई हैं।
यह किया दरकिनार

– नगर निगम ने पिछले दिनों जेसीबी व डम्पर के जरिए झील से मलबा निकाला, इसके बावजूद झील में सैकड़ों ट्रॉली मलबा डालकर कब्जा किया जा रहा है।
– नगर निगम ने झील की सीमा तय करते हुए इसके किनारे मुटाम भी लगाए हैं, लेकिन अतिक्रमियों ने इन्हें भी अपने दायरे में ले लिया है।
– प्रशासन व नगर निगम ने समीक्षा बैठकों में आनासागर में अतिक्रमण करने व मलबा डालने वालों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने के निर्देश जारी किए, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं होने से अतिक्रमियों के हौसले बुलंद हैं।
बाद में हुए विकास कार्य
झील के पूरा सूख जाने पर खुदाई के दौरान बीचों-बीच एक टापू बनाया गया। झील में नौका विहार की भी व्यवस्था है। इसके किनारे रामप्रसाद घाट भी बनवाया गया है। झील के किनारे चारों ओर करीब साढ़े 8 किमी पाथ-वे/चौपाटी भी बनाई जा रही है। लवकुश उद्यान में कैफेटेरिया भी बनाया गया है।
215 बीघा भूमि है वेटलैंड
आनासागर को नगर निगम ने नो कंस्ट्रक्शन जोन घोषित कर रखा है। 215 बीघा भूमि वेटलैंड है। इसमें 53.19 बीघा भूमि एडीए को हस्तांतरित है। 350 व्यक्तियों की 161.14 बीघा खातेदारी भूमि है। इसे अवाप्त किया जाना है। इसका 35 करोड़ रुपए का मुआवजा तय हुआ है। आनासागर क्षेत्र में 50 पक्के मकान बने हुए हैं। बड़ी संख्या में अतिक्रमण भी हैं। अतिक्रमण के लिए नगर निगम जिम्मेदार है। झील का कुल एरिया 2260.9 बीघा है। 2048 बीघा में झील है। 121 बीघा भूमि प्रोटेक्टेड है 91 बीघा 8 बिस्वा भूमि शेष है।
इनका कहना है…

आनासागर झील में अतिक्रमण करना व मलबा डालना प्रतिबंधित है। अतिक्रमण चिह्नित किए गए हैं इन्हें हटाया जाएगा। शहर में बिल्डिंग वेस्ट के लिए भी प्लांट बनाया जाएगा इसके लिए जगह तलाश की जा रही है।
चिन्मयी गोपाल, आयुक्त, नगर निगम, अजमेर

झील में अतिक्रमण करना गलत है। झील अपने मूल स्वरूप में आएगी तो अतिक्रमियों को इसका खामियाजा उठाना पड़ेगा। एडीए व नगर निगम को अतिक्रमण रोकने के लिए पाबंद किया जाएगा।
विश्व मोहन शर्मा, जिला कलक्टर, अजमेर
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