
pushkar famous cloth holi
अजमेर. सदियों से अपनी अनूठी संस्कृति और विरासत को सहेजने वाले अजमेर जिले की होली भी दुनिया भर में प्रसिद्ध है। हालांकि वक्त के साथ कई बदलाव हुए हैं। पानी की बचत के लिए सूखी होली, सेहतवर्द्धक हर्बल कलर का इस्तेमाल, कम घी-तेल वाली शुगर फ्री मिठाई जैसे ट्रेंड शुरू हो चुके हैं। लेकिन परम्पराएं नए दौर में भी कायम हैं।
प्रजापिता ब्रह्मा की नगरी से लेकर सूफियत का पैगाम देने वाले अजमेर, राजस्थान का मैनचेस्टर कहे जाने वाले ब्यावर और भिनाय की होली दूरस्थ इलाकों तक चर्चित है। इन रंगों में मेहमानवाजी, शौर्य, पराक्रम और प्राचीन वैभव की झलक नजर आती है। जिले की अनूठी होली में शामिल होने के लिए स्थानीय लोगों के अलावा विदेशी भी विशेष तौर पर शामिल होते हैं।
कपड़ा फाड़ होली
तीर्थनगरी अपनी सहस्न वर्ष पुरानी सनातन परम्परा के साथ-साथ कपड़ा फाड़ होली (ला-बेला)के लिए प्रसिद्ध है। वराह घाट और आसपास के इलाके में गुजरे 15-20 साल कपड़ा फाड़ होली खेलने का प्रचलन शुरू हुआ। पौलेंड, हंगरी, नीदरलैंड, बेल्जियम, जर्मनी, इजरायल, फ्रांस, ब्रिटेन और अन्य देशों के पर्यटक इस होली में खासतौर पर शामिल होते थे। कोरोना संक्रमण के चलते दो साल से कपड़ा फाड़ होली का आयोजन नहीं किया गया।
कपड़ों को लटकाने की विशेष होड़
धूलंडी पर सुबह से ही होली खेलने का दौर शुरू हो जाता था।। स्थानीय लोगों के साथ विदेशी रंग, अबीर, गुलाल से होली खेलते थे। फटे हुए कपड़ों को चौक स्थित तारों-घरों पर लटकाने की विशेष होड़ मचती थी।। पुलिस चौराहों-नाकों पर बाहरी लोगों का प्रवेश रोकती थी। ताकि कोई हुड़दंग नहीं हो सके। प्रशासन ने भी इस पर रोक लगाई है। इस साल आयोजन को लेकर स्थिति साफ नहीं है।
Published on:
17 Mar 2022 10:19 am
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