
Holi 2024 : माघ शुक्ल पूर्णिमा पर 24 फरवरी को होली का डांडा रोपण के साथ फाल्गुन की बयार बहना शुरू होगी। मंदिरों में पूर्णिमा पर धार्मिक आयोजन होंगे। भगवान को नवीन पोशाक धारण कराकर पुष्पों से शृंगार और भोग लगाया जाएगा।
वर्षों पूर्व डांडा रोपण के साथ होली पर्व की शुरुआत होती थी। अब धुलंडी और छारंडी पर ही त्योहार मनाया जाता है। इस बार फाल्गुन माह की शुरूआत 25 फरवरी से होगी। शहर सहित ग्रामीण इलाकों के मंदिरों, उद्यानों और सामाजिक संस्थानों में फागोत्सव शुरू होंगे। विभिन्न मंदिरों में श्रद्धालु अबीर-गुलाल व फूलों के साथ ठाकुरजी के संग होली खेलेंगे। भजन कीर्तन के कार्यक्रम शुरू हो जाएंगे।
अरंड-गुलर की सूखी लकड़ी शुभ
पंडित घनश्याम आचार्य ने बताया कि पर्यावरण को नुकसान पहुंचाए बिना त्योहार मनाना शुभ होता है। अरंडी अथवा गुलर की सूखी लकड़ी का डांडा रोपना चाहिए। शहर में होलीधड़ा, केसरगंज, रामगंज, सुभाष नगर, पंचशील, शास्त्री नगर, नया बाजार, पुरानी मंडी, मदार गेट, पड़ाव, अजयनगर, वैशाली नगर, फायसागर रोड, तोपदड़ा, नाका मदार, गुलाबबाड़ी, नसीराबाद रोड स्थित अन्य स्थानों पर डांडा रोपण किया जाता है।
डांडा भक्त प्रहलाद का प्रतीक
परम्पनुसार होलिका दहन वाले स्थान पर डांडा रोपा जाता है। इसे भक्त प्रहलाद का प्रतीक माना जाता है। होलिका दहन के दौरान इसे सुरक्षित निकाला जाता है। इस बार भी होली का डांडा रविवार को माघ शुक्ल पूर्णिमा पर सुबह 9 से 12 बजे, शाम 6 से 9 बजे तक रोपा जा सकेगा।
पत्रिका टिप्स...
होलिका के लिए गोकाष्ट का करें उपयोग
पर्यावरण संरक्षण के लिए नहीं काटें पेड़
गोबर के उपलों, सेवण घास का करें उपयोग
Published on:
21 Feb 2024 11:16 am
बड़ी खबरें
View Allअजमेर
राजस्थान न्यूज़
ट्रेंडिंग
