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‘फेल्सपार के उद्योग बढ़ाने में सरकार करे मदद तो बढ़ें रोजगार के अवसर’

उद्यमियों ने कहा- रीको का विस्तार, बिजली, जमीन की दरों में मिले रियायत

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feldspar

ब्यावर के रीका क्षेत्र में एक मिनरल यूनिट।

ब्यावर जिले में सीमेंट उद्योग की विपुल संभावनाएं है। सिरेमिक उद्योग शुरू किया जा सकता है। यहां पर कच्चा माल पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है। फेल्सपार व क्वार्ट्ज गुजरात में सबसे अधिक ब्यावर जिले से ही पाउडर जाता है। जिले के पंच गौरव में क्वार्टज एवं फेल्सपार पाउडर को शामिल किया गया है। ऐसे में जिले के पंच गौरव में शामिल क्वार्ट्ज एवं फेल्सपार पाउडर जिले के औद्योगिक आधार बने एवं रोजगार के नए अवसर सृजित हो।

जमीनी स्तर पर काम करना चाहिए

इसको लेकर फेल्सपार से जुडीइडस्ट्री को यहां विकसित करने की आवश्यकता है। इससे जुड़े उद्यमियों का कहना है कि अन्य प्रदेशाें की प्रतिस्पर्द्धा में टिके रहने के साथ ही यहां पर उद्योग सर्वाइव कर सके। इसके लिए मूलभूत आवश्यकताएं उपलब्ध करवानी होंगी। यहां पर उद्योग की एक बार शुरुआत हो सके। इसके लिए योजना बनाकर जमीनी स्तर पर सरकार को काम करना चाहिए। मिनरल उद्योग को लेकर प्रदेश से बाहर जाने वाले कच्चे खनिज पर छह गुना रायल्टी की मांग को नीति में शामिल करना चाहिए। जो प्रदेश के उद्योग के लिए बेहतर हो सकेगी।

यह उद्योग किए जा सकते हैं विकसित

सिरेमिक टाइल्स, सेनेटरी वेयर, पॉटरी, ग्लास, विद्युत इंसुलेटर, क्राकरी के उद्योग प्रदेश में विकसित किए जा सकते हैं। इनके निर्माण में बहुतायत से (25-50 प्रतिशत) प्रयोग होने वाले खनिज फेल्सपार प्रदेश में पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है। फेल्सपार के पाउडर निर्माण में लगे राज्य के 4000 उद्योगों को योजनाबद्ध सरकारी सहयोग की जरूरत है। राज्य से हर साल लाखों टन कच्चा खनिज राज्य से बाहर निर्गमित होता है। इससे राज्य के उद्योगों पर विपरीत प्रभाव पड़ रहा है। आधे से ज्यादा उद्योग का संचालन से बाहर होने के कगार पर हैं।

प्रदेश से बाहर जाने वाले खनिज पर छह गुना तक लगे रायल्टी

राज्य सरकार को राज्य से बाहर निर्गमित हो रहे कच्चे खनिज पर कर्नाटक राज्य की तर्ज पर 6 गुना तक अतिरिक्त रॉयल्टी वसूली नीति तुरन्त लागू की जानी चाहिए। राज्य में वर्तमान में स्थापित सभी 4000 उद्योग शत प्रतिशत क्षमता से चल पड़ेंगे। करीब 5000 नए उद्योगों की स्थापना का मार्ग प्रशस्त होगा। राइजिंग राजस्थान में अभी तक हुए इन्वेस्टमेंट में करीब 5000 करोड़ का इजाफा होने की संभावना बन जाएगी। मिनरल इकाइयों को रीको द्वारा लागत दरों पर जमीन व 5 वर्षों तक की नियत विद्युत दरों पर बिजली सप्लाई की गारंटी मिले तो व्यापार सुचारू हो जाए।

इनका कहना है...

फेल्सपार से जुड़े उद्योग यहां पर शुरू हो सकें। इसके लिए सरकार को उद्यमियों को सस्ती दर पर जमीन एवं गैस समेत अन्य सुविधाएं उपलब्ध करवानी चाहिए। इसके अलावा विद्युत समेत अन्य सुविधाएं भी रियायती दर पर उपलब्ध करवाई जानी चाहिए। सरकार को मिनरल उद्योग को प्रोत्साहन देने के लिए नीति बनानी चाहिए, ताकि कमजोर हो रहे उद्योग को मजबूती मिलने के साथ ही नए उद्योग शुरू होने की राह खुल सके।

प्रवीण जैन, मिनरल उद्यमी

फेल्सपार से जुड़े नए उद्योग शुरू करने के लिए सरकार को गैस समेत अन्य सुविधाएं उपलब्ध करवानी चाहिए, जिससे कि फेल्सपार से जुड़े सिरेमिक टाइल्स, सेनेटरी वेयर, पॉटरी, ग्लास, विद्युत इंसुलेटर, क्राकरी उद्योग शुरू होने की राह खुल सके। इसके लिए सरकार को ऐसी योजना लानी चाहिए कि प्रदेश में इस उद्योग की शुरुआत हो सके। इसके लिए नए रीको को विकसित करना चाहिए। इसको लेकर कार्य शुरू हुआ है। इसको गति देनी चाहिए।

आशीषपाल पदावत, अध्यक्ष, लघु उद्योग संघ

प्रधान सचिव खान विभाग से राज्य से बाहर कच्चे निर्गमित होने वाले खनिज फेल्सपार पर 6 गुना तक रॉयल्टी वसूली नीति बनाने की मांग की है। इसको लकर उद्यमियों ने अपनी राय व प्रस्ताव भिजवाए हैं। विभाग की ओर से परिणामों के परीक्षण बाबत खान निदेशालय स्तर पर बातचीत चल रही है। आने वाले बजट में राज्य से बाहर कच्चे निर्गमित हो रहे फेल्सपार पर 6 गुना तक रॉयल्टी नीति लागू की जानी चाहिए, जिससे की प्रदेश में नए उद्योग शुरू होने की राह खुलेगी। रोजगार के नए अवसर सृजित होंगे।

सुरेन्द्रसिंह राजपुरोहित, प्रदेश संयोजक, राजस्थान माइनर मिनरल उद्योग संघ


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