देश की सीमा पार कर गुजरात में अवैध रूप से पहुंच रहे फेल्सपार खनिज से भरे ट्रक-ट्रेलर से राज्य सरकार को करोड़ों रुपए का नुकसान हो रहा है...
चन्द्र प्रकाश जोशी
अजमेर। प्रदेश की सीमा पार कर गुजरात में अवैध रूप से पहुंच रहे फेल्सपार खनिज से भरे ट्रक-ट्रेलर से राज्य सरकार को करोड़ों रुपए का नुकसान हो रहा है। फेल्सपार खनिज से भरे ट्रकों की सरहद से सटे क्षेत्र के व्यापारियों के नाम फ र्जी बिल्टी एवं ट्रांजिट पास (टीपी) बनाकर माल की सप्लाई की जा रही है।
बॉर्डर से सटे इलाकों में फैक्ट्री नहीं होने के बावजूद यहां फेल्सपार पहुंच रहा है,जबकि एक ही टीपी के फेर-फेर कर फ र्जीवाड़ा किया जा रहा है। बॉर्डर पर चुंगी नाकों पर सुरक्षा व्यवस्था एवं चैंकिंग नहीं होने से करोड़ों रुपए का फेल्सपार गुजरात अवैध रूप से पहुंच रहा है। राजस्थान के फेल्सपार ग्राइंडिंग की करीब 3000 यूनिट (फैक्ट्रियों) पर पिछले कुछ सालों से संकट गहरा गया है। बिना प्रोसेस किए गए फेल्सपार खनिज (कच्चे माल) की गुजरात में बढ़ती डिमांड के चलते यहां के उद्योग ठप से हो गए हैं। राज्य सरकार को करोड़ों का राजस्व नुकसान होने के साथ-साथ यहां के हजारों परिवारों का रोजगार छिन रहा है। हालात तो ये हैं कि राज्य सरकार को करोड़ों का राजस्व घाटा हो रहा है।
इस काम आता है फेल्सपार
फेल्सपार के पाउडर से टाइल्स निर्मित होती है। इसके साथ बिजली के खम्भों पर लगने वाले चीनी के उपकरण भी निर्मित होते हैं।
यह है वजह
गुजरात के मोरवी सहित अन्य जगह चाइना के इम्पोर्टेड बड़े प्लांट लग रहे हैं जिनकी उत्पादन क्षमता ब्यावर व अन्य जगह स्थापित फैक्ट्रियों की क्षमता से अधिक है। इसके चलते यहां फेल्सपार लम्पस, ग्रेन्स व फि निश पाउडर की डिमांड बढ़ गई है। फेल्सपार का कच्चा माल राजस्थान से अवैध रूप से पहुंच रहा है।
यह है स्थिति
3000 ग्राइंडिंग यूनिट प्रदेश में
8250 मैट्रिक टन वार्षिक प्रॉडक्शन प्रति यूनिट
250 लाक मैट्रिक टन कुल प्रॉडक्शन
4500 करोड़ रुपए
वार्षिक टर्नओवर
49.56 करोड़ का नुकसान
अतिरिक्त निदेशक (खान) जयपुर क्षेत्र बी.एस. सोढ़ा ने एसडीआरआई जयपुर की ओर से प्रकरणों के माध्यम से उजागर किया कि फेल्सपार के अवैध परिवहन के चलते राज्य सरकार को 49.56 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है।
- राज्य से बाहर फेल्सपार अवैध रूप से ले जाने को लेकर काफी कार्रवाई की गई है। जुर्माना लगाने के साथ कई वाहन भी जब्त किए गए हैं। ब्यावर एमई की ओर से कार्रवाई की गई है।
जे.के. गुरुबख्शानी, एसएमई, खनि विभाग अजमेर