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स्टूडेंट्स के दिल में रह गई हसरत, कुछ यूं टूट गए उनके सपने

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youth festival

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रक्तिम तिवारी/अजमेर.

नौजवानों की रंगमंच पर जलवा दिखाने की हसरत पूरी होनी मुश्किल है। महर्षि दयानंद सरस्वती विश्वविद्यालय इस बार अन्तर कॉलेज सांस्कृतिक कार्यक्रम (आईसीसीसी) का आयोजन नहीं करा पाया है। कुलपति के कामकाज पर रोक और राजभवन-सरकार कोई मंजूरी नहीं देने से ऐसी स्थिति बनी है।

युवाओं में छिपी हुई प्रतिभा को उजागर करने के उ²ेश्य से महर्षि दयानंद सरस्वती विश्वविद्यालय प्रतिवर्ष अन्तर कॉलेज सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन करता है। इसमें शास्त्रीय एवं पाश्चात्य गायन (एकल) एकल और युगल गीत, नृत्य,एकल (वाद्य यंत्र) वाद्य यंत्र, समूह नृत्य, स्पॉट पेंटिंग, माइम, वाद-विवाद सहित अन्य प्रतियोगिता होती हैं। विश्वविद्यालय के क्षेत्राधिकार वाले अजमेर, टोंक, भीलवाड़ा और नागौर जिले के कॉलेज की टीम भाग लेती हैं। पिछले साल भी यह कार्यक्रम कराया जाना था।

कुलपति मामले से हुई दिक्कतें
अन्तर कॉलेज सांस्कृतिक कार्यक्रम पिछले साल अक्टूबर-नवंबर में होना था। इस दौरान 11 अक्टूबर को कुलपति प्रो. आर. पी. सिंह के कामकाज पर रोक लग गई। यह अब तक जारी है। इसके चलते सांस्कृतिक कार्यक्रम खटाई में पड़ गया। विश्वविद्यालय के अधिकारी विद्यार्थियों को राजभवन और सरकार ने मंजूरी को लेने का आश्वासन देते रहे। लेकिन मामला आगे नहीं बढ़ सका। इसके चलते युवाओं से जुड़ी अहम सह शैक्षिक गतिविधि नहीं हो सकी।

अब चलेंगी परीक्षाएं

कॉलेज और विश्वविद्यालय में जल्द परीक्षाओं की शुरुआत होगी। 1 फरवरी से प्रायोगिक परीक्षाएं प्रारंभ होगी। इसके बाद सेमेस्टर और सालाना परीक्षाओं का आगाज होगा। विषयवार यह परीक्षाएं मई-जून तक चलेंगी। ऐसे में विश्वविद्यालय स्तर पर अन्तर सांस्कृतिक कार्यक्रम होना मुश्किल है। मालूम हो कि यह कार्यक्रम नहीं होने से विश्वविद्यालय की टीम भारतीय विश्वविद्यालय संघ के तत्वावधान में पुणे में हुई पश्चिम क्षेत्र विश्वविद्यालय सांस्कृतिक प्रतियोगिता में भाग लेने वंचित रह गई।


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