
मौलाना तौकीर रजा
अजमेर। इत्तेहाद-ए-मिल्लत परिषद के संस्थापक मौलाना तौकीर रजा ने कहा कि ख्वाजा मोईनुद्दीन चिश्ती की दरगाह में हर धर्म की आस्था है। यहां मंदिर होने का दावा करने वालों के इरादे खतरनाक है। वह बरसों पुराने सौहार्द और गंगा-जमनी तहजीब को खत्म करना चाहते हैं। इनके खिलाफ सरकार को कार्रवाई करनी चाहिए। यह बात उन्होंने बुधवार को पत्रकारों से बातचीत में कही।
रजा ने कहा कि गरीब नवाज की दरगाह सदियों से सूफियत, भाईचारे, सौहार्द का संदेश दे रही है। उनकी दरगाह देश के अन्य सूफियों की दरगाहों से सर्वोच्च है। देश-विदेश से हर मजहब के लोग आस्था लेकर आते हैं। यहां मंदिर होने को लेकर याचिका लगाने वालों के इरादे नेक नहीं हैं। रजा ने कहा कि मंदिर खोजने वालों से मैं इतना ही कहना चाहूंगा कि अगर हर जगह मंदिर तलाश करनी है तो दरगाह हाजी अली पर भी जाना चाहिए जो समुद्र के बीच में है... हो सकता है समुद्र मंथन के वहां कोई निशान मिल जाएं। उन्होंने कहा कि ऐसी चीजें देश के लिए खतरनाक है।
अजमेर दरगाह में मंदिर होने का अदालत में दावा करने वाले हिंदू सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष विष्णु गुप्ता ने भारतीय पुरातत्व विभाग के महानिदेशक यदुबीर सिंह रावत को पत्र लिखकर दिल्ली की जामा मस्जिद का सर्वेक्षण कराने की मांग की है। पत्र में गुप्ता ने बताया कि मुगल सम्राट औरंगजेब ने जोधपुर और उदयपुर के कृष्ण मंदिर तोड़कर दिल्ली की जामा मस्जिद की सीढ़ियों में लगाया था। मूर्तियों के अवशेष वहां मस्जिद में मौजूद हैं। इसका प्रमाण औरंगजेब नामा में औरंगजेब पर साकी मुस्तक खान द्वारा लिखित पुस्तक ‘मसीर-ई-आलमगीरी’ में किया गया है। मांग की है कि जामा मस्जिद के सर्वेक्षण में मूर्तियों को बाहर निकाल कर पुन: मंदिरों में स्थापित कराया जाना चाहिए।
Updated on:
04 Dec 2024 07:03 pm
Published on:
04 Dec 2024 07:01 pm
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