
jaundice case increase
अजमेर.
अजमेर शहर में बारिश के बाद भी सर्दी के मौसम में पीलिया रोग के मरीज सामने आ रहे हैं। आमतौर पर पीलिया रोग बारिश के दिनों में अधिक होता है, मगर इस बार पहली बार देखा गया है कि सर्दी के मौसम में भी पीलिया रोग के मरीज सामने आ रहे हैं। पिछले 15 दिनों में प्रतिदिन 10 से 12 पीलिया के रोगी सामने आ रहे हैं। इसकी प्रमुख वजह पानी एवं खाद्य पदार्थ हैं। आमजन को खाद्य पदार्थ एवं शुद्ध व साफ पानी का सेवन करना आवश्यक है।
पीलिया रोग के सर्दी के मौसम में भी असर दिखाने की प्रमुख वजह दूषित पानी मानी जा रही है। मगर पानी के नमूनों के आंकड़ों से इसकी पुष्टि फिलहाल नहीं हो रही है। सूत्रों के अनुसार चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की ओर से पिछले तीन सप्ताह से पानी के नमूनों की जांच शून्य दर्शाई जा रही है। सर्दी के मौसम में भी पीलिया रोग के बढऩे की वजह को जानना आवश्यक है ताकि इस पर तत्काल नियंत्रण किया जा सके।
पीलिया रोग के यह लक्षण एवं बचाव
हल्का बुखार आना, कुछ भी खाने में अरुचि, उल्टी जैसी इच्छा होना, पेशाब गहरा पीला आना, आंखों व चमड़ी का पाला रंग होना। वहीं पीलिया गंभीर स्थिति में होने पर पेट दर्द व दस्त आदि की शिकायत रहती है। चिकित्सकों के अनुसार बचाव के लिए शुद्ध पानी पीएं, पानी-पताशे बाहर का फास्टफूड आदि से बचें। चिकित्सकों की सलाह पर इलाज लें।
यह भी वजह
पाइप लाइनों का कुछ जगह गंदे नाले के बीच से गुजरना, नालों आदि में पेयजल लाइनों का लीकेज, पुरानी पाइप लाइनों में लिकेज से पानी दूषित होने का खतरा रहता है। वहीं बाजार में पानी-पताशे व खाने पीने के हाथ ठेला चालकों की ओर से साफ-सफाई का ध्यान नहीं रखने से भी इस रोग के बढऩे की संभावना रहती है।
पीलिया रोग आमतौर पर बारिश के समय होता है मगर इस बार सर्दी में पीलिया को रोगी आ रहे हैं। पानी व खाद्य पदार्थ के चलते पीलिया रोग होता है। इसमें सावधानी रखना जरूरी है। कई बार लोग पीलिया रोग में झाड़-फूंक वालों के पास पहुंचते हैं और स्थिति बिगड़ती है तब चिकित्सक के साथ पहुंचते हैं। जबकि पीलिया रोग जांच में पुष्टि होने पर चिकित्सक से परामर्श व इलाज लेना चाहिए।
-डॉ. संजीव माहेश्वरी, फिजिशियन जेएलएनएच
जल शुद्धिकरण पर सवाल!
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की ओर से जनवरी माह में पीएचईडी के 13 एवं नोन पीएचईडी के 13 पानी के नमूनों की जांच की गई जिनमें एक भी असंतोषजनक नमूना नहीं पाया गया। मजे की बात तो यह है कि 2019 में कुल 104 पानी के नमूने लिए गए जिनमें से असंतोषजनक पाए गए नमूनों की संख्या शून्य रहीं।
Published on:
25 Jan 2019 08:14 am
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